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भाजपा के दलित एजेंडे को आगे बढ़ाएंगे राष्ट्रपति, आंबेडकर की जन्म स्थली पर दलितों के साथ खाएंगे खाना

locationमहूPublished: Apr 14, 2018 11:49:56 am

Submitted by:

Manish Gite

भाजपा के दलित एजेंडे को आगे बढ़ाएंगे राष्ट्रपति, आंबेडकर की जन्म स्थली पर दलितों के साथ खाएंगे खाना

ramnath kovind

महू (इंदौर)। संविधान निर्माता बाबा साहेब अंबेडकर की जयंती के मौके पर पहली बार कोई राष्ट्रपति उनके जन्म स्थान पर पहुंच रहा है। इस दिन को सामाजिक समरसता महाकुंभ के रूप में मनाया जा रहा है। खास बात इस मौके पर वे दलितों के साथ भोजन करके भाजपा के दलित एजेंडे को आगे बढ़ाएंगे। क्योंकि आने वाले चुनावों में भाजपा दलित विकास के सहारे फिर सत्ता पाना चाहती है।

मध्यप्रदेश के अंबेडकर नगर (महू) में जन्मे संविधान निर्माता बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयती के मौके पर जन्मोत्सव का आयोजन किया गया है। इस महोत्सव में हजारों लोगों के पहुंचने का सिलसिला जारी है। इस मौके पर दलितों को एकत्र करके भाजपा अपने ही सांसद और विधायकों को भी खुश रखना चाहती है। इसलिए इस मौके पर दलितों का सामूहिक भोज होगा, जो जमीन पर बैठकर राष्ट्रपति के साथ भोजन करेंगे।

 

दलितों के साथ होगा समरसता भोजन
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद दलितों के साथ समरसता भोजन में भी हिस्सा लेंगे। वे सभी दलितों के साथ जमीन पर बैठकर भोजन करेंगे। इस भोजन में पूरी, रामभाजी, नमकीन, नुक्ती, खिचड़ी, केरी की लौंजी और तली मिर्च परोसी जाएगी। राष्ट्रपति के साथ समरसता भोजन में राज्यपाल आनंदीबेन और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी मौजूद रहेंगे।
दलित के सहारे भाजपा
केंद्र में अपने कार्यकाल के लगभग चार साल पूरे कर दलित विकास के सहारे भाजपा अब 2019 में होने वाले आम चुनाव की तैयारी में जुट गई है। पार्टी के बड़े रणनीतिकार दलितों के हित और विकास की रणनीति बनाने लगे हैं। अब तक छोटी-छोटी नौकरियों के सहारे दलित वोटबैंक बैंक को लुभाने की कोशिश करने वाली राजनीतिक पार्टियों से अलग बीजेपी उन्हें आत्मनिर्भर बनाने पर काम कर रही है।
पांच माह बाद मध्यप्रदेश में है चुनाव

इधर, दो अप्रैल को फैली जातीय हिंसा के बाद अंबेडकर जयंती के मौके पर भाजपा सरकार उनके अनुयायियों को साधने की कोशिश करेगी। राष्ट्रपति के साथ ही राज्यपाल आनंदीबेन और मुख्यंत्री शिवराज सिंह चौहान भी साथ रहेंगे। राज्य सरकार पहले ही प्रमोशन में आरक्षण के मुद्दे को लेकर कोर्ट में लड़ रही है। वह एससीएसटी वर्ग को भरोसा दिलाना चाहती है कि उन्हें आरक्षण मिलेगा।
दलित मोर्चा के अध्यक्ष थे कोविंद
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का राजनीतिक करियर दलित मोर्चा से ही शुरू हुआ था। वे भाजपा दलित मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और अखिल भारतीय कोली समाज के अध्यक्ष रहे। वर्ष 1986 में दलित वर्ग के कानूनी सहायता ब्यूरो के महामंत्री भी रहे।
-कानपुर के डेरापुर के एक छोटे से गांव परौंख में जन्मे कोविंद कोरी (कोली) जाति से आते हैं। जो उत्तर प्रदेश में अनुसूचित जाति, गुजरात में अन्य पिछड़ा वर्ग एवं उड़ीसा में अनुसूचित जनजाति आती है।
-वकालत की उपाधि लेने के बाद वे कोविंद दिल्ली उच्च न्यायालय में वकील बन गए। वह 1977 से 1979 तक दिल्ली उच्च न्यायालय में केंद्र सरकार के वकील रहे। 8 अगस्त 2015 को बिहार के राज्यपाल बन गए।
इंदौर से महू तक सुरक्षा के कड़े इंतजाम
पिछले दिनों हुए मध्यप्रदेश में हिंसक आंदोलन के चलते प्रशासन कोई कोताही नहीं बरतना चाहता है। इसलिए उसने इंदौर के देवी अहिल्याबाई एयरपोर्ट से लेकर महू में कार्यक्रम स्थल तक सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं।
ऐसा है राष्ट्रपति का दौरा कार्यक्रम
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद सुबह 11.20 बजे इंदौर एयरपोर्ट पर लैंड होंगे। इसके बाद 11.30 बजे अंबेडकर नगर (महू) के लिए रवाना हो जाएगा। 12.10 बजे बाबा साहेब के स्मारक पर जाकर श्रद्धासुमन अर्पित करेंगे। 12.30 बजे सभा स्थल पर पहुंचेंगे। इसके बाद 1.30 बजे से 1.45 बजे का समय रिजर्व रखा गया है। 1.45 बजे समरसता भोज में शामिल होंगे। 2.40 बजे हेलीपेड से रवाना होकर 3.10 बजे इंदौर एयरपोर्ट पहुंच जाएंगे। इसके बाद 3.20 बजे वे दिल्ली के लिए उड़ान भरेंगे।
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