गोरखपुर जोन के आईजी कारागार एके सिंह ने बताया कि रिहा होने वाले कैदियों का जो मानक राज्य सरकार ने तय किया है उसके हिसाब से गोरखपुर जोन में आने वाले सिद्धार्थ नगर जिला जेल से सर्वाधिक दस कैदी रिहा हो सकते हैं जबकि महराजगंज जेल से मात्र एक कैदी के रिहा होने की संभावना है। इसके पहले सन 2000 में भी इसी अवसर पर सूबे के जेलों से मानक पूरा करने वाले कैदियों की रिहाई हुई थी। उस वक्त भी सूबे में बीजेपी की सरकार थी। इस बार भी बीजेपी सरकार में कैदियों को यह जीवनदान नसीब हो रहा है।
अभी यह तय नहीं है कि जेलों से कौन कौन कैदी रिहा किए जाने है। जेल सूत्रों के अनुसार रिहाई के लिए जो मानक तय है वह बहुत कड़े है जिसके तहत प्रति कारावास से दो तीन कैदी ही इस लाभ के दायरे में आ सकते हैं। सिद्धार्थ नगर जेल से दस कैदियों का सूची में स्थान प्राप्त कर लेना बड़ी बात है।
फिलहाल गणतंत्र दिवस के अवसर पर कैदियों की रिहाई की खबर से जेलों में खुशी का माहौल है। खासकर उम्र दराज कैदियों में स्वयं के रिहा होने की आश है।वहीं महराजगंज जिला जेल में मायूसी है। यहां मात्र एक कैदी रिहाई का मानक पूरा कर सका है। यह कैदी कौन है जेल प्रशासन उसके नाम का खुलासा करने से बच रहा है। जेल के ही एक अधिकारी ने बताया कि 26 जनवरी अभी दूर है। सरकार फैसला कल तक क्या होता है कुछ भी नहीं कहा जा सकता।
By Yashoda Srivastava