पयर्टन विभाग बुद्ध सर्किट मे बाहर से आनेवाले बुद्ध अनुयायियों के लिए जगह होटल बनवाए गए हैं। जो अलग अलग नाम से संचालित हो रहे हैं जिसमें अधिकांश के नाम राही अथवा पथिक हैं। उपनाम स्थानीय महत्व के हिसाब से मनमाफिक रख सकते हैं। भारत नेपाल सीमा पर स्थित सोनौली मे राही होटल का उपनाम निरंजना भी जो करीब डेढ़ दशक पहले तब के ग्राम सभा की भूमि पर बना था।अब यह नगरपंचायत का हिस्सा है।
इस होटल के निर्माण के पीछे पयर्टन विभाग की मंशा भगवान बुद्ध के जन्म स्थली लुंबनी (नेपाल) जाने वाले उन विदेशी पयर्टकों को ठहरने की सुविधा उपलब्ध कराना है जो रात दस बजे के बाद सोनौली पहुंचने के बाद भी नाका बंद होने के नाते नेपाल नहीं जा पाते थे।बताते हैं इस होटल मे अभी भी ढेर सारी सुविधाओं का टोटा है। नगरपंचायत सोनौली कुछ ऐसी ही सुविधाओं को होटल के बाहर की खाली जमीन पर उपलब्ध कराने की सोच रहा है।
अब पता चला है कि होटल प्रवंधन खाली सरकारी भूमि को बेचने अथवा प्राइवेट व्यक्तियों को किराए पर देकर धन वसूली की नियत पाले हुए है।यह मामला तब प्रकाश में आया जब नगर पंचायत सोनौली ने देशी विदेशी महिला पर्यटकों की समस्याओं को देखते हुए सरकारी भूमि पर महिला शौचालय बनवाने का कार्य शुरू करनेवाला था।इसके बाद होटल के प्रबंधक के पेट का दर्द बढ़ गया और वह भागदौड़ शुरू कर दिया।
सोनौली के युवा नेता एवं समाजसेवी अनुराग मणि त्रिपाठी ने निरंजना होटल प्रबंधक के मैनेजर पर आरोप लगाते हुए कहा है कि प्रबंधक होटल के जमीन को टुकड़ों में बेचने का षड्यंत्र रच रहा है। यहां तक की होटल से सटे पर्यटन कार्यालय पर एक सरकारी कार्यालय के लोगो ने कब्जा जमा लिया है और नगरपंचायत के खाली भूमि पर प्राइवेट व्यक्ति कब्जा जमा रहे हैं।
पिछले 6 महीने से एक प्राइवेट व्यक्ति ने होटल के गेट पर दुकान खोल कर कब्जा जमा रखा है। होटल प्रवंधक ऐसे आरोपों इनकार करते हुए कहते हैं कि गेट के सामने की दुकान किराए पर है।गौरतलब है कि होटल के किसी भूक्षेत्र अथवा कक्ष को किराए पर देने का अधिकार नहीं है। आरोप है कि होटल के खाली जमीन को अन्य व्यक्तियों को भी पार्ट पार्ट में बेचने अथवा भारी सौदेबाजी कर कब्जा देने की साजिश चल रही है।
By yashoda srivastava
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