महोबा आपदाओं का दंश झेल रहा है। कई वर्षों के सूखे ने किसान को मौत की दहलीज में लाकर खड़ा कर दिया है। फसलों की बर्बादी और बढ़ते कर्ज से निजात पाने के लिए किसान आत्महत्या करने को मजबूर हैं। शनिवार को फिर एक किसान ने आत्महत्या कर ली। कबरई थाना क्षेत्र के ग्राम छानी निवासी 55 वर्षीय किसान सरजू प्रसाद कुशवाहा चार बीघा खेती का कास्तकार था। पिछले कई वर्षों से सूखे के चलते किसान का परिवार आर्थिक तंगी को झेल रहा था। वहीं खेती के लिए लिया गया बैंक का कर्ज भी किसान को सता रहा था। किसान के ऊपर बैंक का 78 हजार रुपये है, जबकि गांव के ही साहूकारों से तकऱीबन एक लाख रुपये कर्ज लिए था। मृतक की पत्नी प्रेमवती बताती है कि बेटी रूही की शादी के लिए भी मृतक ने कर्ज लिया था।
कर्ज को लेकर किसान खासा परेशान रहता था, वहीँ साहूकार आये दिन पैसों के लिए प्रताडि़त करते थे। घर के हालात भी खऱाब चल रहे थे। आर्थिक तंगी के चलते घर में भुखमरी जैसे हालत थे, जिसको लेकर किसान खासा हताश हो चूका था और उसने अकेले में जहरीला पदार्थ खाकर अपनी जान दे दी। किसान की मौत से परिवार में कोहराम मच गया, वहीँ परिवार के सामने भरण पोषण की चिंता खड़ी हो गई। किसान की मौत की सूचना पर थाना पुलिस मौके पर पहुँची और शव को कब्जे में लेकर पंचमाना भर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।