एक बार फिर लगा खाकी पर दाग उत्तर प्रदेश पुलिस पर एक बार फिर दाग लगा है। महोबा में इंसाफ मांगने गई नाबालिग के साथ ख़ाकीदारी दरोगा ने घिनौनी वारदात को अंजाम दिया है। गैंगरेप पीड़ित को कोतवाली में न्याय तो नहीं मिला लेकिन उसकी अस्मत को कोतवाली कैम्पस में ही तार तार कर दिया गया। मामला महोबा शहर कोतवाली क्षेत्र का है। जहां देह व्यापार के कारोबारियों से जुड़ी दो महिलाओं संतोषी ओर सविता ने कानपुर की रहने वाली 16 बर्षीय किशोरी को नौकरी का झांसा देकर महोबा बुलाया था। ब्यूटी पार्लर में नौकरी देने के बहाने संतोषी ओर सविता ने मिलकर नाबालिग किशोरी को हवस के तीन दरिदों के सुपुर्द कर दिया था। जहां आकाश, सुरेंद्र ओर रख्खू ने मिलकर उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया था।
दरोगा ने भी बनाया हवस का शिकार मामले की लिखित शिकायत महोबा कोतवाली पुलिस को दर्ज कराई थीं। मगर किशोरी को न्याय दिलाने के बजाय महोबा कोतवाली में तैनात तत्कालीन दरोगा केपी सिंह पर भी हवस का भूत सवार हो गया। हवसी केपी सिंह ने गैंगरेप आरोपियों और देहव्यापार के कारोबारियों से साठगांठ कर किशोरी की अस्मत से खिलवाड़ करने की कोशिश की। पीड़िता का आरोप है कि उसके साथ दरोगा ने जबरन संबंघ बनाने की कोशिश की। पीड़िता रो रो कर बताती है कि उसके साथ गैंगरेप करने वाले खुलेआम घूम रहे हैं। दरोगा ने उस पर दबाब बनाकर मामले को खत्म करा दिया और मेरे साथ खिलवाड़ करता रहा। पीड़िता को महिला थाने में रखा गया है। जहां उससे पुलिस अधिकारी पूछताछ कर रहे हैं। मामला खाकी से जुड़ा होने पर इस घटना को लेकर कोई अधिकारी बोलने के लिए तैयार नहीं है।