200 जहरीले सांपों ने किसान के घर पर किया कब्जा, दहशत में पूरा परिवार
बारिश के बाद जमीन के अंदर बिल बनाकर रहने वाले सांप बाहर आ जाते हैं। बिल में पानी भर जाने के बाद सांप रहवासी क्षेत्रों में प्रवेश करने लगते हैं। इसे देखते हुए सभी स्वास्थ्य केंद्रों में दवाएं भी उपलब्ध करा दी गई है। जिला अस्पताल में 145 एंटी स्नेक विनम उपलब्ध हैं। हालांकि एंटी वेनम दवाइयों को सुरक्षित रखने के लिए कुछ स्वास्थ्य केंद्रों में इसके लिए व्यवस्था नहीं है।आज तक नहीं देखा होगा आपने एेसा बवंडर, जब आसमान की ओर जाने लगा तालाब का पानी
जिला अस्पताल से मिली जानकारी के अनुसार जिला अस्पताल में पहुंचने वाले को दवा दी जाती है, उसके बाद उन्हें रायपुर रेफर कर दिया जाता है। कई लोगों की जानें बच जाती है, तो कई लोगों की मौत हो जाती है। डॉक्टर्स लोगों को बारिश के मौसम में जमीन पर न सोने और बैगा, गुनिया से इलाज नहीं कराने की अपील लोगों से कर रहे हैं।ग्रामीण क्षेत्रों में जागरुकता का अभाव
सांप काटने के बाद अक्सर ग्रामीण झाडफ़ूंक और बैगा गुनिया का सहारा लेते हैं। इसकी वजह से कई बार लोगों की जान भी चली जाती है। देर से अस्पताल पहुंचने की वजह से लोगों की मौत हो जाती है। बारिश के दिनों में सरकार की ओर से ग्रामीणों को जागरूक भी नहीं किया जाता है। ग्रामीण इलाकों में बिच्छू और सांप काटने की शिकायत ज्यादा आती है। खेतों में कार्य करने वाले किसान व कच्चे मकानों में रहने वाले लोग इसके ज्यादा शिकार होते हैं। इसके अलावा कई लोग सांप को भगाने के चक्कर में सांप का शिकार हो जाते हैं।
पैंट-शर्ट पहनकर खेतों में जुताई करने वाला शख्स किसान नहीं, निकला IAS अफसर
लोगों को सतर्क रहना चाहिए
जिला अस्पताल के सीएस आरके परदल ने बताया, जिला अस्पताल में स्नेक बाइट से किसी की जान नहीं गई है। अप्रैल से अब तक 38 मामले आए हैं। हमारे पास 145 दवा अभी उपलब्ध है। बारिश के दिनों में लोगों को सतर्क रहना चाहिए। Snake bite