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उपार्जन केंद्रों में करोड़ों का धान है असुरक्षित, नहीं हो रहा बारिश से बचाने का इंतजाम

locationमहासमुंदPublished: Feb 18, 2019 03:47:25 pm

Submitted by:

Deepak Sahu

छत्तीसगढ़ में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी खत्म होने के 18 दिन बाद भी उपार्जन केंद्रों से धान का उठाव नहीं हो रहा है।

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उपार्जन केंद्रों में करोड़ों का धान है असुरक्षित, नहीं हो रहा बारिश से बचाने का इंतजाम

बसना (ग्रामीण). छत्तीसगढ़ में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी खत्म होने के 18 दिन बाद भी उपार्जन केंद्रों से धान का उठाव नहीं हो रहा है। खुले आसमान के नीचे बिना कैपकव्हर के लाखों क्विंटल धान असुरक्षित पड़ा है। बेमौसम बारिश के कारण धान को नुकसान भी पहुंच रहा है। कई फड़ों में रखे गए धान के बोरों में अंकुरण भी शुरू हो गया है।

इस साल धान खरीदी में महासमुंद पूरे प्रदेश में दूसरे स्थान पर है। अब परिवहन में लेटलतीफी समितियों को भारी पड़ रही है। यहीं नहीं, धान खरीदी करने वाले सहकारी समितियों के 7 हजार रुपए वेतन पाने वाले कर्मचारियों को 20-20 करोड़ रुपए की धान खरीदी प्रभारी बनाया गया है। वहीं अब शार्टेज की भरपाई करने में पसीने छूटने लगे हैं। इन दिनों जिला सहकारी केंद्रीय बैंक शाखा बसना, पिरदा एवं भंवरपुर के अंतर्गत आने वाले धान उपार्जन केन्द्रों में लगभग 55 करोड़ रुपए से भी अधिक का धान उपार्जन केंद्रों में असुरक्षित पड़ा है।

अंचल के जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक शाखा बसना के अंतर्गत धान उपार्जन केंद्र बसना, गढफ़ुलझर, रसोड़ा, खरोरा, भूकेल, बिछियां, बड़ेडाभा, कुरचुंडी, अंकोरी, पौंसरा, धुमाभांठा, गौरटेक, सिंघनपुर के उपार्जन केंद्रों में लगभग 33 करोड़ रुपए का धान परिवहन के अभाव में खुले आसमान के नीचे पड़ा है। इसी तरह जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक शाखा पिरदा के अंतर्गत पिरदा, पथरला, आरंगी, भस्करापाली, रामभांठा के धान उपार्जन केंद्रों में लगभग 10 करोड़ रुपए का धान जाम है। जिला सहकारी केंद्रीय बैंक शाखा भंवरपुर के अंतर्गत धान उपार्जन केंद्र भंवरपुर, उड़ेला, बड़ेसाजापाली, लम्बर, बिछियां एवं धामनघुटकुरी में लगभग 13 करोड़ 97 लगभग रुपए का धान जाम है।

महासमुंद के डीएमओ सुनील राजपूत ने बताया कि डीओ कट चुका है। धान के परिवहन में लेटलतीफी की जा रही है, इसलिए समस्या हो रही है।

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