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बगैर अनुमति के केन्द्र में पहुंचा धान, जब ग्रामीणों को भनक लगी तो…

locationमहासमुंदPublished: Feb 17, 2019 04:24:55 pm

Submitted by:

Deepak Sahu

प्रशासन के लाख निर्देशों के बावजूद बागबाहरा ब्लॉक अंतर्गत धान खरीदी केन्द्रों की गड़बडिय़ां थमने का नाम नहीं ले रही हैं।

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बगैर अनुमति के केन्द्र में पहुंचा धान, जब ग्रामीणों को भनक लगी तो…

बागबाहरा. प्रशासन के लाख निर्देशों के बावजूद बागबाहरा ब्लॉक अंतर्गत धान खरीदी केन्द्रों की गड़बडिय़ां थमने का नाम नहीं ले रही हैं। इस कड़ी में एक नया मामला खोपली सेवा सहकारी समिति में आ गया, जहां खरीदी प्रभारी की गैर मौजूदगी में समिति के अध्यक्ष लीलाधर चन्द्राकर ने अपनी दुकान से 13 कट्टा धान अपने ट्रैक्टर से खरीदी केन्द्र के कर्मचारियों की मिलीभगत से बिना किसी टोकन के तथा धान खरीदी बंद होने के 17 दिन बीत जाने के बावजूद नियम विरूद्ध कार्यकर 13 कट्टा धान को धान के ढेर में मिलाकर हेराफेरी कर रहे थे, इस मिलीभगत का खुलासा तब हुआ, जब ग्रामवासियों को इसकी भनक लगी और पुलिस को सूचना दी।
निगरानी व निरीक्षण टीम मौके पर पहुंची और फूड इंस्पेक्टर गौरसिंह रात्रे द्वारा 13 कट्टा धान जब्त किया गया, लेकिन जिस ट्रैक्टर से परिवहन के धान लाया गया था, उसे छोड़ दिया गया। नियमों को ताक पर रखकर बिना टोकन के धान खरीदी केंद्र खोपली द्वारा धान लिया जाना, उससे संचालक मंडल के अन्य विपक्षी सदस्यों में नाराजगी व्याप्त है। समिति के अध्यक्ष लीलाधर चंद्राकर द्वारा बिना आवक टोकन नियमों के खिलाफ धान भंडारण के धान के ढेर में 13 कट्टा मिला दिया गया।
बता दें कि खरीदी बंद हुए 17 दिनों बाद धान कैसे पहुंचा। नियमों के मुताबिक कोई भी बिना टोकन के खरीदी केंद्र में धान को परिवहन कर नहीं ले जा सकता, लेकिन खोपली धान खरीदी केंद्र का जो मामला सामने आया है, उससे तो यही अंदाजा लगाया जा सकता है कि सैकड़ों कट्टा धान केंद्र में पहुंचाने का गोलमाल किया गया है। पूरे केंद्र के दस्तावेजों में आवक रजिस्टर को जब्त कर भौतिक सत्यापन करने पर ही हेराफेरी का खुलासा होगा। इस प्रकरण में स्पष्ट हो गया खोपली संचालक मंडल के अध्यक्ष और समिति प्रबंधक किसानों से सेटिंग कर अपनी जेब भरने में लगे हुए हैं।
खाद्य, राजस्व एवं मंडी की संयुक्त टीम ने शनिवार को 11 बजे जांच-पड़ताल करने फूड इंस्पेक्टर की अगुवाई में पहुंची और कम्प्यूटर ऑपरेटर नोहर ठाकुर का बयान लेने के बाद 13 कट्टा धान जब्त किया गया, लेकिन जिस ट्रैक्टर ट्राली क्रमांक सीजी 04 डीएल 6637 वाहन से धान को केंद्र में पहुंचाया गया था, उस ट्रैक्टर को जब्त क्यों नहीं किया गया। इससे स्पष्ट होता है कि सैंया भय कोतवाल तो डर काहे का।
जब्त वाहन को छोड़े जाने पर उठे सवाल
इस संबंध फूड इंस्पेक्टर रात्रे ने कहा कि जिला खाद्य अधिकारी से बात करें, आपके सवालों का जवाब देने के लिए वे बाध्य नहीं हैं। खाद्य अधिकारी अजय यादव से संपर्क करने पर उनका मोबाइल आउट ऑफ कव्हरेज बताने पर जानकारी नहीं मिल सकी। पुन: 1 घंटे बाद मोबाइल लगाया गया, लेकिन रिंग जाने के बाद भी उनसे सम्पर्क नहीं हो सका।
बता दें कि गौरसिंह रात्रे द्वारा विगत 18 जनवरी 19 को ट्रैक्टर में लदे 30 कट्टा धान जो मातगुड़ा के कृषक राजेन्द्र कुमार साहू पिता सोनूराम साहू से खरीदी केन्द्र पटपरपाली में रंगे हाथ पकड़े जाने के बावजूद बिना ट्रैक्टर जब्त किए धान का जब्ती नामा बनाया गया था। गैर कानूनी धान का परिवहन जिस वाहन में किया गया, उसे छोड़े जाने की कार्यवाही में भ्रष्ट्राचार उजागर होता है। इससे स्पष्ट होता है कि अपराधों को संरक्षण देने के लिए भ्रष्टाचार ने किस तरह अपनी पैठ बना ली है।

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