गैस के दाम बढऩे के बाद सबसे ज्यादा समस्या उन उपभोक्ताओं को हो रही है, जिनके खाते में अब भी सब्सिडी नहीं आ रही है और जिन्होंने सब्सिडी छोड़ दी है। ऐसे उपभोक्ता भी सामने आ रहे हैं, जिन्होंने सब्सिडी छोड़ दी थी, लेकिन अब वे सब्सिडी लेना चाहते हैं। शहर में केवल दो एजेंसियां हैं। दोनों एजेंसियों में लगभग 20 प्रतिशत लोग ही रिफलिंग करा रहे हैं। जिले में 13 एजेसिंया हैं। जिले में उज्ज्वला योजना के लगभग एक लाख 25 हजार कनेक्शन हैं। जिले में सामान्य कनेक्शन लगभग 74 हजार है। जानकारी के मुताबिक उज्ज्वला योजना के तहत जो लोग 14 किलो का गैस सिलेंडर नहीं ले पा रहे हैं, उनके लिए 5 किलो का सिलेंडर भी आया है। वर्ष में 5-5 किलो के 34 सिलेंडर ले सकते हैं।
जानिए ऐसे बढ़ी कीमत
अप्रैल में सिलेंडर की 721.50 रुपए कीमत थी, इसमें सब्सिडी 222.63 रुपए मिल रही थी, इसके बाद जुलाई में 879 रुपए हुआ। सब्सिडी 358 रुपए थी। सितंबर में 896 रुपए कीमत हुई, सब्सिडी 377 रुपए हुई। नवंबर में 1017 रुपए कीमत हुई, 504 रुपए सब्सिडी आ रही है। अप्रैल से अब तक उपभोक्ताओं पर 15 रुपए का भार पड़ा है। वहीं सब्सिडी छोडऩे वाले सक्षम वर्ग के ऊपर 296 रुपए का भार पड़ रहा है।
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