मार्कफेड के एमडी पी अन्बलगन ने प्रदेश के सभी डीएमओ को पत्र भेज कर कस्टम मिलिंग के नए नियमों की जानकारी दी है। उन्होंने अपने पत्र में बताया है कि कस्टम मिलिंग और संग्रहण केन्द्रों से धान परिवहन के लिए नई नीति बनाई गई है। इसके तहत अब बिना जीपीएस के धान का परिवहन नहीं करने दिया जाएगा। हर बार की तरह इस बार भी राइस मिलरों को क्षमता के अनुसार कस्टम मिलिंग के लिए अनुबंध कराना होगा। परिवहन व्यवस्था के लिए दूरी तय की गई है। इसके आधार पर स्लैब तैयार कर अनुबंध किया जाएगा। मिलर और परिवहनकर्ता के लिए एसओआर तैयार किया गया है। इसके आधार पर पिछले साल की तरह इस बार भी टेंडर कराए जाएंगे।
जीपीएस मॉडल कई प्रदेशों में चल रहे हैं। पिछले साल भी प्रदेश में मिलर्स को इसके लिए निर्देश दिया गया था, लेकिन इसका पालन नहीं हो रहा है। इस बार ऐसा नहीं होगा। राज्य शासन इस पर पूरी सख्ती बरत रही है। बिना जीपीएस परिवहनकर्ताओं से अनुबंध ही नहीं किए जाएंगे। इसके अलावा धान संग्रहण केन्द्रों में सिंगल विंडो पंजीयन प्रणाली लागू होगी। यह रेंडम मॉडल होगा। धान परिवहन एग्रीमेंट के तहत राशि का भुगतान होगा। भुगतान प्रक्रिया पूरी तरह से ऑनलाइन होगी। वहीं इस बार डिलिवरी ऑर्डर की व्यवस्था में प्रतीक्षा सूची का प्रावधान नहीं रहेगा। डिलिवरी ऑर्डर चार बैच में जारी किए जाएंगे। ताकि धान परिवहन की व्यवस्था पारदर्शिता हो सके।
1 नवंबर से होगी धान की खरीदी
प्रदेश में धान की खरीदी १ नवंबर से शुरू होगी। पूर्व में यह खरीदी १५ नवंबर से की जाती थी। समर्थन मूल्य में हुई वृद्धि के बाद समर्थन मूल्य व बोनस मिलाकर इस बार किसानों को २०५० रुपए प्रति क्विंटल मिलेगा।
जीपीएस की तैयारी
प्रदेश में धान की खरीदी १ नवंबर से शुरू होगी। पूर्व में यह खरीदी १५ नवंबर से की जाती थी। समर्थन मूल्य में हुई वृद्धि के बाद समर्थन मूल्य व बोनस मिलाकर इस बार किसानों को २०५० रुपए प्रति क्विंटल मिलेगा।
जीपीएस की तैयारी
महासमुंद के डीएमओ, सुनील राजपूत ने बताया धान परिवहन को लेकर इस बार वाहनों में जीपीएस लगाकर परिवहन कराने की योजना बनाई जा रही है। मुख्यालय स्तर पर बैठक में चर्चा की जा रही है। धान खरीदी को लेकर तैयारियां की जा रही है।