शुक्रवार को तेज हवाओं के कारण खरीदी केंद्रों से तिरपाल उड़ गए। इस कारण कई उपार्जन केंद्रों में धान भीग गया। कई खरीदी केंद्रों में धान के बोरों में अंकुरण भी शुरू हो गया है। मालूम हो कि महासमुंद जिले में 71 लाख 28 हजार 402 क्विंटल धान की खरीदी हुई है। अब तक 58 लाख 61 हजार क्विंटल धान का उठाव हुआ है। 12 लाख क्विंटल धान शेष है। जिले में कुल पंजीकृत किसान 1 लाख 17 हजार हैं।
इनमें से 1 लाख 11 हजार 372 किसानों ने धान बेचा है। महासमुंद से 106916 क्विंटल धान शेष है। तुमगांव में 52982, झलप 57797, बागबाहरा 124260, कोमाखान में 143790, पिथौरा 158512, सांकरा में 118675, पिरदा में 42308, बसना में 99449, भंवरपुर में 51907, सरायपाली में 202440, तोरेसिंहा में 108281 क्विंटल धान शेष है। बरोंडाबाजार और बेलसोंडा में धान की बोरियों से अंकुरण भी हो गया है। प्रशासन धान की सुरक्षा के लिए उचित व्यवस्था नहीं कर पा रही है। 12 लाख क्विंटल धान को नमी की वजह से नुकसान पहुंचने की आशंका है। पिछले कुछ दिनों से मौसम खराब है। धान की सुरक्षा को नजरअंदाज किया जा रहा है।