अधिकतर विद्युत कर्मी बिना सेफ्टी किट के बिजली के पोलों में चढ़ जाते हैं। इससे कभी भी अनहोनी हो सकती है। जानकारी के मुताबिक विद्युत विभाग जेई, लाइनमैन, फोरमेन को किट प्रदान करता है। वहीं ठेका कर्मियों को किट प्रदान करने का जिम्मा ठेकेदार का होता है। वहीं कई कर्मचारी अपने पैसे से ग्लब्स खरीदते हैं। सबसे ज्यादा दिक्कत बरसात के समय होती है। लाइनमैन को जो किट उपलब्ध कराया जाता है, उसमें ग्लब्स, बूट, पाना, पेचकस, रेनकोट और टार्च भी शामिल है, लेकिन यह सभी उपकरण विद्युतकर्मियों को खुद खरीदनी पड़ रही है। मिली जानकारी के अनुसार किट की खरीदी सेंट्रल लेवल पर की जाती है। मिली जानकारी के अनुसार इस वर्ष विद्युतकर्मियों को किट नहीं मिला है। वर्तमान में आधुनिक ड्रेस व हेलमेट भी आ गए है, लेकिन विद्युत विभाग के पास वो भी नहीं है। अत्याधुनिक हेलमेट में सेंसर भी लगा होता है, लेकिन यह भी विद्युत कर्मियों के पास नहीं है।
सहायक अभियंता विशाल बाजपेयी ने बताया कि कर्मचारियों को सुरक्षा किट दी जाती है। इसके अलावा उन्हें प्रोत्साहित किया जाता है। कर्मचारी बिना सुरक्षा उपकरण के काम करते हैं, यह मेरी जानकारी में नहीं है।
महासमुंद के जल प्रदाय प्रभारी विजय श्रीवास्तव ने बताया कि फायर ब्रिगेड कर्मियों को ड्रेस नहीं मिला है। जल्द प्रदान किया जाएगा। कर्मचारियों के लिए सुरक्षा किट है।