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Chhattisgarh Election: सरायपाली विधानसभा में होगी कांटे की टक्कर, तस्वीर साफ

locationमहासमुंदPublished: Nov 11, 2018 02:17:57 pm

Submitted by:

Deepak Sahu

नाम वापसी के बाद अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए आरक्षित सरायपाली विधानसभा क्षेत्र के चुनावी रण में 8 प्रत्याशी शेष रह गए हैं, जिनके बीच मुकाबला होना है।

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Chhattisgarh Election: सरायपाली विधानसभा में होगी कांटे की टक्कर, तस्वीर साफ

सरायपाली. छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में नाम वापसी के बाद अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए आरक्षित सरायपाली विधानसभा क्षेत्र के चुनावी रण में 8 प्रत्याशी शेष रह गए हैं, जिनके बीच मुकाबला होना है। प्रभाकर ग्वाल आम आदमी पार्टी से तो भाजपा से श्याम तांडी, कांग्रेस से किस्मत लाल नंद, बसपा से छविलाल रात्रे सहित अन्य 4 प्रत्याशी मैदान में अपना भाग्य आजमा रहे है ।


मुकाबला आम आदमी पार्टी, कांग्रेस और भाजपा के बीच माना जा रहा है। निवर्तमान विधायक रामलाल चौहान का टिकट काटकर जिला पंचायत सभापति श्याम ताण्डी को टिकट दिए जाने से जहां भाजपा को भीतर घात का खतरा है, तो कांग्रेसियों पर गुटबाजी का संकट मंडरा रहा है। विभिन्न गुटों में बटी कांग्रेस किस्मत लाल नंद की किस्मत कहां तक चमका पाती है, यह समय के गर्भ में छिपा है। यह देखना दिलचस्प होगा कि नए चेहरों में किसके चेहरे पर मतदाता भरोसा करते हैं। नाम वापसी के बाद रोचक मुकाबले की तस्वीरें सरायपाली से सामने आ रही है। बीते चुनाव में यहां सेवानिवृत्त टीआई रामलाल चौहान ने कांग्रेस प्रत्याशी पूर्व विधायक डॉ. हरिदास भारद्वाज को 28 हजार से भी अधिक मतों से हार का स्वाद चखाया था। बावजूद विधायक रामलाल चौहान को किनारे कर भाजपा ने श्याम ताण्डी के रूप में नए चेहरे का मौका दिया है। जबकि, कांग्रेस ने एच्छिक सेवानिवृत्त डीएसपी किस्मत लाल नंद को मैदान में उतारा है।

आम आदमी पार्टी की ओर से पूर्व सीबीआई मजिस्ट्रेट प्रभाकर ग्वाल मैदान में हैं। इनके अलावा पांच और प्रत्याशी यहां से अपनी राजनीतिक किस्मत आजमा रहे हैं। क्षेत्रीय विधायक रामलाल चौहान की टिकट कटने की मुख्य वजह उनकी निष्क्रियता को माना जा रहा है। मतदाता से लेकर भाजपा कार्यकर्ता भी उनकी कार्य शैली को लेकर नाराज हैं। उनकी निष्क्रियता का लाभ भाजपा के श्याम तांडी को मिला है। भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष सरला कोसरिया भी टिकट की दौड़ में शामिल थी। उन्हें भी प्रबल दावेदार माना जा रहा था। गत 2013 में भी उन्होंने दमदारी से दावेदारी पेश की थी। उनके टिकट कटने से उनके समर्थकों को गहरा आघात लगा है। कांग्रेस ने गांड़ा समाज से रिटायर्ड डीएसपी किस्मत लाल नंद को टिकट देकर भाजपा को इसी समाज से प्रत्याशी घोषित करने मजबूर कर दिया। सरायपाली विधानसभा में कोलता और अघरिया समाज के मतदाता चुनाव परिणाम को काफी हद तक प्रभावित करते आ रहे हैं। इस बार भी इन्हीं दो समाज के मतदाताओं की बड़ी निर्वाचक भूमिका होने वाली है।

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