उन्होंने कहा कि सिखों पर फायरिंग के दोषी पुलिस अधिकारियों की ओर से जस्टिस रणजीत सिंह कमीशन की रिपोर्ट के खिलाफ हाईकोर्ट में दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान सरकारी वकील ने पक्ष सही ढंग से नहीं रखा और इसके चलते हाईकोर्ट ने इन पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई पर रोक लगा दी।
इस्तीफे में फूलका ने कहा कि विधानसभा में कांग्रेस मंत्री नवजोत सिंह सिद्दू, चरणजीत चन्नी, तृप्त राजिंदर बाजवा, मनप्रीत बादल और सुखजिंदर सिंह रंधावा ने भाषण तो लंबे लंबे दिए लेकिन कार्रवाई जरा भी नहीं हुई। सभी वक्ताओं ने कहा था कि गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी से पंजाब के लोगों की दिलों को ठेस पहुंची है। फूलका ने जस्टिस रणजीत सिंह कमीशन की रिपोर्ट के बाद पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल, पूर्व उप-मुख्यमंत्री सुखबीर बादल और पूर्व पुलिस महानिदेशक. सुमेध सिंह सैनी का नाम भी एफ.आई.आर. में दर्ज करने के लिए सरकार को अल्टीमेटम देते हुए कहा था कि ऐसा नहीं होने पर वे विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे देंगे।