scriptइक्ष्वाकुपुरी के रूप भगवान श्रीराम की अयोध्या का सपना पूरा कर रही योगी की सरकार | * Yogi's government fulfilling Lord Shri Ram's dream of Ayodhya as Iks | Patrika News
लखनऊ

इक्ष्वाकुपुरी के रूप भगवान श्रीराम की अयोध्या का सपना पूरा कर रही योगी की सरकार

*ताकि लगे कि आप इक्ष्वाकुपुरी में हैं*

लखनऊDec 01, 2019 / 08:52 pm

Anil Ankur

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* Yogi’s government fulfilling Lord Shri Ram’s dream of Ayodhya as Ikshvakupuri *

लेख- गिरीश पांडेय

लखनऊ। कैसी थी प्रभु श्रीराम की अयोध्या? खुद इसका वर्णन उन्होंने ही किया। बात तबकी है, जब वह 12 वर्ष के वनवास के बाद अयोध्या लौट रहे थे। जब उनका पुष्पक विमान अयोध्या से गुजर रहा था, तब उन्होंने अपने साथियों से अपनी जन्मभूमि के बारे जो बताया उसका वर्णन रामचरित मानस में कुछ यूं है। सुनु कपीस अंगद लंकेसा, पावन पुरी रूचिर यह देसा।
अयोध्या के कायाकल्प के साथ इक्ष्वाकुपुरी के रूप में भगवान श्रीराम की अयोध्या का सपना योगी की सरकार पूरा कर रही है। प्रस्तावित इक्ष्वाकुपुरी की संकल्पना एक आध्यात्मिक शहर के रूप में की गयी है। एक ऐसा शहर, जिसमें प्राचीन भारत की संपन्न आध्यात्मिक एवं सांस्कृतिक विरासत के साथ ही बहुरंगी पर एक भारत की भी झलक देश और दुनिया से आने वाले पर्यटकों को दिखे। इस क्रम में इक्ष्वाकुपुरी में चारों वेदों, उपनिषदों और मुख्य ब्राह्मण ग्रंथों को ऑडियो-विजुअल रूप में देखा जा सकेगा।
प्रमुख ऋषियों के जीवन दर्शन, उनके आश्रम और गुरुकुल की व्यवस्था के जरिए भारत की ऋषि और संत परंपरा भी जीवंत होगी। देश के प्रमुख संतों के लिए एक तय भूमि के आवंटन का भी प्रस्ताव है। जो लोग इस परंपरा पर शोध करना चाहते हैं, उनके लिए वैदिक रिसर्च सेंटर भी स्थापित होगा।
विविधता के बावजूद भारत की एकता के प्रतीक के रूप में हर राज्य को गेस्ट हाउस के लिए एक निश्चित जमीन आवंटित की जाएगी। इनमें वह मल्टी मीडिया प्रजेंटेशन के जरिये अपने राज्य की धार्मिक, आध्यात्मिक, सांस्कृति परंपरा और इतिहास एवं विरासत को दिखा सकेंगे।
*ताकि लगे कि आप इक्ष्वाकुपुरी में हैं*

इको-ग्रीन सिटी के रूप में विकसित किये जाने वाले इस शहर में पहुंचकर आपको लगेगा कि आप वाकई त्रेता युग की इक्ष्वाकुपुरी में हैं। इस क्रम में इस वंश के प्रमुख राजाओं- मनु, इक्ष्वाकु, मांधाता, रघु, हरिश्चंद्र, दिली, भगीरथ, आज और दशरथ के चित्र के साथ उनके कृतित्व एवं व्यक्तित्व का वर्णन होगा।
लैंड स्केप भी कुछ ऐसा ही होगा कि प्रस्तावित इक्ष्वाकुपुरी के अधिकतम 5 फीसद क्षेत्र ही निर्माण के लिए होगा। उपलब्ध जमीन में शास्त्रों में वर्णित दंडकारण्य, विंध्यारण्य, धर्मारण्य और वेदारण्य के रूप में विकसित किया जाएगा। जलस्रोतों को उस समय के पंपा और नारायण सरोवर आदि के रूप में विकसित किया जाएगा। प्रदेश सरकार परियोजना की प्लानिंग करने के साथ हर चीज के डिजाइन का मानक तय करेगी। बुनियादी संरचना विकसित करने की जिम्मेदारी भी सरकार की होगी।

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