script…तो क्या माया-अखिलेश के गठबंधन ने अजीत सिंह और जयंत के लिए ही छोड़ी हैं दो सीटें | Will RLD get 2 seats in SP-BSP coalition? | Patrika News

…तो क्या माया-अखिलेश के गठबंधन ने अजीत सिंह और जयंत के लिए ही छोड़ी हैं दो सीटें

locationलखनऊPublished: Jan 12, 2019 10:00:39 pm

Submitted by:

Ashish Pandey

कुल 80 सीटों में से 38-38 पर सपा-बसपा लड़ेंगी चुनाव, रायबरेली और अमेठी सीट पर नहीं उतारेंगे उम्मीदवार।
 

RLD

…तो क्या माया-अखिलेश के गठबंधन ने अजीत सिंह और जयंत के लिए ही छोड़ी हैं दो सीटें

लखनऊ. सपा-बसपा गठबंधन में कांग्रेस को भले ही शामिल नहीं किया गया है, लेकिन क्या राष्ट्रीय लोक दल को इस गठबंधन में शामिल किया गया है। यह अभी स्पष्ट नहीं हो सका है। बसपा-सपा के इस गठबंधन में दोनों 38-38 सीटों पर चुनाव लड़ेंगी। वहीं दो सीटें अपने सहयोगियों के लिए तो दो सीटें कांग्रेस के लिए अमेठी और रायबरेली छोड़ा गया है। उत्तर प्रदेश में लोकसभा की कुल 80 सीटें हैं। इनमें से गठबंधन 38-38 यानी कुल 76 सीटों पर चुनाव लड़ेगा। अब दो सीटें वह अपने सहयोगी को छोडऩे की बात कर रहा है तो यह सहयोगी होगा कौन रालोद। अगर रालोद को उसके मुताबिक सीटें नहीं दी गईं तो हो सकता है कि वह कांग्रेस से गठबंधन कर ले।
अगर रालोद सहयोगी है तो उसे कौन-कौन से दो सीटें दी जाएंगी। कैरान वर्तमान में रालोद के पास है। यहां से लोकसभा उप चुनाव में रालोद की उम्मीदवार ने जीत दर्ज किया था। अब अगर गठबंधन रालोद को दो सीटें देता है तो क्या रालोद इस पर राजी होगा। बतादें कि रालोद के राष्ट्रीय अध्यक्ष अजीत सिंह कई बार के सांसद रहे हैं। वह जाटों के बड़े नेता हैं। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कई लोकसभा सीटों पर जाटों वोटों का खासा प्रभाव है। बागपत, मेरठ, सहारनपुर, कैराना, मथुरा, आगरा सहित कई ऐसी सीटें हैं जहां जाट वोटर निर्मायक भूमिका में हैं तो क्या ऐसे में अजीत सिंह केवल दो सीटों पर संतोष कर लेंगे।
बागपत से कई बार सांसद रहे हैं अजीत सिंह
रालोद अध्यक्ष अजीत सिंह कई बार लोकसभा के सांसद रहे हैं। वे बागपत से कई बार सांसद रह चुके हैं। 2014 के मोदी लहर में वे बागपत से सत्यपाल मलिक से चुनाव हार गए। वहीं उनके बेटे जयंत चौधरी मथुरा से सांसद रह चुके हैं। अभी मथुरा से हेमामालिनी भाजपा से सांसद हैं। वहीं हुकुम सिंह के निधन से खाली हुई कैराना की सीट पर हुए उप चुनाव में रालोद की प्रत्याशी ने यहां से जीत दर्ज की थी।
…तो क्या बाप-बेटे के लिए ही छोड़ा गई दो सीटें
गठबंधन ने दो सीटें अगर रालोद के लिए छोड़ा है तो क्या वह दो सीटें अजीत सिंह और उनके बेटे के लिए छोड़ी गई हैं तो कैराना सीट का क्या होगा जहां से रालोद की सांसद हैं। अब यह क्या अजीत सिंह दो सीटों पर ही मान जाएंगे। यह कहना मुश्किल है।
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