scriptखिचड़ी पर्व में सामूहिकता का सन्देश निहित है- केशरी नाथ त्रिपाठी | West Bengal Governor Keshari Nath Tripathi lucknow program | Patrika News

खिचड़ी पर्व में सामूहिकता का सन्देश निहित है- केशरी नाथ त्रिपाठी

locationलखनऊPublished: Jan 20, 2019 04:56:51 pm

Submitted by:

Mahendra Pratap

मकर संक्रांति का पर्व भारत का सांस्कृतिक त्यौहार है

    Governor Ram Naik

खिचड़ी पर्व में सामूहिकता का सन्देश निहित है- केशरी नाथ त्रिपाठी

ritesh singh

लखनऊ;उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक लखनऊ में आशियाना परिवार द्वारा आयोजित ‘सर्वधर्म समभाव’ सम्मेलन एवं खिचड़ी भोज में शामिल हुए। इस अवसर पर पश्चिम बंगाल के राज्यपाल केशरी नाथ त्रिपाठी, लखनऊ की महापौर संयुक्ता भाटिया, इलाहाबाद विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 राजेन्द्र प्रसाद, मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली, सिंधी अकादमी के उपाध्यक्ष नानक चन्द्र लखवानी, मुरलीधर आहूजा, बौद्ध भीक्षु देवेन्द्र थेरो, डाॅ शोभा घोष, आशियाना परिवार के अध्यक्ष आर0डी0 द्विवेदी तथा सहित बड़ी संख्या में सभी धर्म के लोग उपस्थित थे।

राज्यपाल ने सर्वधर्म सम्मेलन में आये हुए सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि हम हिन्दू, मुस्लिम, सिख, ईसाई, बौद्ध, जैन होते हुए भी पहले भारतीय हैं। वसुधैव कुटुम्बकम का लघु चित्र इस कार्यक्रम में देखने को मिल रहा है, यही सन्देश ऐसे उत्सव के माध्यम से पूरे विश्व में जाता है। इस समय का खिचड़ी भोज कार्यक्रम नया रूप लेकर उत्तर प्रदेश आ रहा है।
कल से वाराणसी में तीन दिवसीय प्रवासी भारतीय सम्मेलन का आयोजन हो रहा है जिसमें विदेश में रहने वाले भारतीय मूल के नागरिक क्षेत्र, धर्म को परे रखते हुए भारतीय होने के नाते प्रतिनिधित्व करेंगे। यह सम्मेलन पहली बार वाराणसी में हो रहा है, विदेश से आने वाले भारतीय इस बार वाराणसी का बदला हुआ स्वरूप देखेंगे चाहे वह मन्दिर परिसर हो, गंगा का घाट हो या गंगा का स्वच्छ जल। इस वर्ष का कुंभ भी परिवर्तन लिये हुए है क्योंकि पूर्व का कुंभ इलाहाबाद में होता था जिसको वर्तमान सरकार द्वारा पौराणिक नाम प्रयागराज दिया गया है। संगम के घाट पर स्थित किले के अक्षयवट और सरस्वती कूप को श्रद्धालुओं के दर्शन के लिये खोला गया है।
राम नाईक ने कहा कि मकर संक्रांति का पर्व भारत का सांस्कृतिक त्यौहार है। उत्तर प्रदेश में यह खिचड़ी, महाराष्ट्र में तिल-गुड़ और तमिलनाडु में पोंगल पर्व के नाम से तथा देश के अन्य प्रदेशों में अलग-अलग नामों से जाना जाता है। भारत के सभी पर्व कोई न कोई कारण से पर्यावरण से जुड़े हुए हैं। भारत के बाहर भी रहने वाले जो भारतीय हैं उनमें भारतीयत्व का एक नया रूप साकार हो रहा है। वसुधैव कुटुम्बकम और सर्वधर्म समभाव पर विचार करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि हमें यह संकल्प लेना होगा कि जो पुरातन तत्व है कि सारी दुनिया एक परिवार है, उसको लेकर हम आगे चलेंगे।

पश्चिम बंगाल के राज्यपाल केसरी नाथ त्रिपाठी ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि मुझे कई वर्षों के बाद आशियाना परिवार के इस कार्यक्रम में आने का अवसर प्राप्त हुआ लेकिन मेरा रिश्ता आशियाना परिवार की स्थापना से ही है। अपने संस्मरण साझा करते हुए कहा कि उन्हें आज भी याद है जब यहां दक्षिण महोत्सव प्रारम्भ हुआ था। बहुत ही उच्च श्रेणी का कार्यक्रम आयोजित होता था, जिसमें पूरे क्षेत्र की जनता पूरी उमंग के साथ सहभाग करती थी, वही स्थिति आज भी यहां देखने को मिल रही है। उन्होंने कहा कि दाल और चावल को अलग-अलग खाने से कोई स्वाद नहीं मिलता और दोनों को मिलाकर एक रूप खिचड़ी देने में वह स्वादिस्ट हो जाती है। भारतीय संस्कृति भी खिचड़ी के समान है जो विभिन्न रूप में संगठित होकर देश को विकास के पथ पर आगे ले जाती है। उन्होंने कहा कि खिचड़ी पर्व में सामूहिकता का सन्देश निहित है।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो