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धान खरीद से लेकर जंगली जानवरों के हमले तक यह खबरें

locationलखनऊPublished: Sep 21, 2018 04:16:54 pm

Submitted by:

Mahendra Pratap

एक अक्टूबर से होगी धान की खरीद

dhan khareed

धान खरीद से लेकर जंगली जानवरों के हमले तक यह खबरें

लखनऊ. एक अक्टूबर से प्रदेश सरकार धान खरीद शुरू करेगी। कॉमन धान की कीमत 1750 रुपये प्रति कुंतल व ग्रेड ए के धान की कीमत 1770 रुपये प्रति कुंतल होगी।

एक अक्टूबर से प्रदेश सरकार करेगी धान खरीद
लखनऊ. प्रदेश सरकार एक अक्टूबर से धान खरीद शुरू करेगी। इसके लिए धान खरीद नीति जारी की गई है, जिसके तहत किसानों को उनकी उपज का उचित व लाभकारी मूल्य दिया जाएगा। सीतापुर, लखीमपुर, मुरादाबाद, मेरठ, सहारनपुर, आगरा, अलीगढ़ व झांसी में एक अक्टूबर से 31 जनवरी तक धान खरीद होगी। वहीं लखनऊ, बस्ती, कानपुर, देवीपाटन, चित्रकूट, गोरखपुर, आजमगढ़, वाराणसी, मिर्जापुर व इलाहाबाद में 1 नवंबर से धान खरीद होगी। सरकार ने कॉमन धान 1750 रुपये प्रति कुंतल व ग्रेड ए के धान का मूल्य 1770 प्रति कुंतल निर्धारित किया गया है।
पीजीआई में होगा मिर्गी का इलाज

लखनऊ. अब मिर्गी की बीमारी का इलाज पीजीआई में हो सकेगा। दो घंटे की सर्जरी से मिर्गी की बीमारी दूर की जा सकेगी। अगर आप इसकी दवा ले रहे हैं और तो भी यह ठीक नहीं हो पा रही हैं तो आप इसकी सर्जरी करा सकते हैं। अब तक पीजीआई के दो मरीजों की सफल सर्जरी हो चुकी है। डॉक्टरों के अनुसार दो महीने तक मरीज का फॉलोअप किया गया। इस दौरान मरीज को मिर्गी के दौरे नहीं पड़े।
अब पूरे प्रदेश का डीएल लखनऊ से छपेगा

लखनऊ. परिवहन विभाग ने संभागीय परिवहन कार्यालय आरटीओ में सक्रिय दलालों की दुकाने बंद करने के लिए सख्त फैसला लिया है। अब दलाल आरटीओ कर्मियों से सांठगांठ कर आरटीओ कार्यालय में ड्राइविंग लाइसेंस प्रिंट नहीं करा सकेंगे क्योंकि प्रदेशभर के आरटीओ कार्यालय अब सिर्फ डीएल बनाने की औपचारिकता तक ही सीमित हो जाएंगे। डीएल की छपाई सिर्फ लखनऊ स्थित परिवहन विभाग के मुख्यालय में ही होगी।
जंगली जानवर के हमले से मौत राज्य आपदा घोषित

लखनऊ. अब जंगली जानवरों के हमले से हुई मौत पर परिवार वालों को पांच लाख का मुआवजा दिया जाएगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकारण की शासी निकाय बैठक में इस बात का फैसला हुआ। वहीं जंगली जानवर के काटने से घायल होने पर नुकसान के हिसाब से तय मानक पर मुआवजा देने का फैसला किया गया है। वर्तमान में ऐसी स्थिति में वन विभाग आपदा देती है लेकिन बजट की कमी के चलते समय से मुआवजा देने में परेशानी होती है। इसे देखते हुए मुआवजा राज्य आपदा निधी द्वारा देने का फैसला हुआ है।
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