2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने अपने घोषणा पत्र में आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों का मानदेय बढ़ाने का वादा किया था। बीजेपी की सरकार बनने के बाद से पार्टी संगठन आंगनबाड़ी कार्यकर्त्रियों का मानदेय बढ़ाने का पर लगातार जोर दे रहा था। आंगनबाड़ी कार्यकत्री भी कई बार प्रदर्शन कर सरकार को उनका चुनावी वादा याद दिला चुकी हैं। केन्द्र सरकार के मानदेय बढ़ाने के बाद से ही प्रदेश सरकार की ओर अपने हिस्से में आने वाले मानदेय को बढ़ाने की संभावना व्यक्त की जा रही थी।
उत्तर प्रदेश में करीब चार लाख आंगनबाड़ी कार्यकत्री हैं। पार्टी रणनीतिकारों का मानना है कि लोकसभा चुनाव से पहले अगर केंद्र सरकार आंगनबाड़ियों का मानदेय बढ़ा दिया तो पार्टी को इसका फायदा 2019 के लोकसभा चुनाव में मिल सकता है। बीते दिनों उत्तर प्रदेश की बेसिक शिक्षा बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग की राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) अनुपमा जायसवाल ने कहा था कि आंगनबाड़ी कार्यकर्त्री, मिनी आंगनबाड़ी कार्यकर्त्री और आंगनबाड़ी सहायिकाओं के मानदेय में बढ़ोत्तरी और सेवा शर्तों में सुधार करने के लिये उच्च स्तरीय समिति गठित की गयी है। साथ ही इनको राज्य कर्मचारी का दर्जा दिये जाने की योजना भी वर्तमान में विचाराधीन है।