1994 में की राजनीतिक करियर की शुरूआत आनंदीबेन पटेल ने 1994 में अपने करियर की शुरूआत की थी। वर्ष 1998 में गुजरात विधानसभा चुनाव जीतकर उनका रुख राज्य की तरफ हो गया था। आनंदीबेन बेनपटेल एक अच्छी मंत्री होने के साथ-साथ अपने साहसी और निडर स्वभाव के लिए भी जानी जाती हैं। एक बार उन्होंने झील में डूब रही बच्चियों की जान बचाई थी। इस काम के लिए उन्हें वीरता पुरस्कार से नवाजा गया है।
विधवाओं के लिए शुरू किया वोकेशनल कोर्स आनंदीबेन पटेल उस वक्त चर्चा में आईं जब उन्होंने अकाल पंडितों के लिए न्याय मांगने के कार्यक्रम में हिस्सा लिया था। 1995 में शंकर सिंह वाघेला ने जब बगावत की थी, तो उस कठिन दौर में भी आनंदीबेन और मोदी ने साथ-साथ पार्टी के लिए काम किया था। आनंदीबेन अपने निडर स्वभाव के लिए भी जानी जाती हैं। बीएसई की पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने महिला विकास गृह ज्वाइन किया था। यहां पर आनंदी बेन ने 50 से भी ज्यादा विधवाओं के कल्याण के लिए वोकेशनल कोर्से शुरू किए थे।