ओपी सिंह ने कहा कि हमें कई दिनों से इसके बारे में सूचना मिल रही थी। पाकिस्तान द्वारा बिछाए गए जाल में ISI लड़कियों की फेसबुक ID बनाकर कर्मियों को फंसाकर उनसे जासूसी करा रही है। इसी हनी ट्रैप में फंसे अच्युतानंद मिश्रा बीते दो साल से उनके लिए जासूसी कर रहा था। अच्युतानंद 2006 में BSF में भर्ती हुआ था और 2016 से ISI के संपर्क में था। यह बीएसएफ जवान मध्य प्रदेश में रीवा का रहने वाला है।
कई गोपनीय सूचना की साझा- ओपी सिंह ने कहा कि इन्होंने ऑफिसियल सीक्रेट Act के तहत अपराध किया है। प्रारंभिक पूछताछ के दौरान अच्युतानंद ने स्वीकार किया है कि उसने भारत के सामरिक महत्व के ठिकानों, आंतरिक सूचनाएं और बीएसएफ और सेना के प्रशिक्षण केन्द्रों आदि की सूचनाएं आईएसआई को दी है। उन्होंने कहा कि पूछताछ में यह सामने आया है कि आईएसआई की एक महिला एजेंट ने कॉन्स्टेबल से फेसबुक पर दोस्ती की थी। अच्युतानंद ने बीएसएफ के कई महत्वपूर्ण दस्तावेज महिला के साथ साझा किए हैं।
बैंक खाते खंगाले जाएंगे- ATS इस पर और काम करेंगी। पूछताछ के बाद कई और अहम जानकारियां मिल सकती है। सशक्त पुलिस बल को अब और जागरूक करने की आवश्यकता है। यूपी डीजीपी ओपी सिंह ने आगे बताया कि अच्युतानंद के बैंक के खातों को भी खंगाला जा रहा है, जिससे यह पता चले सके कि उन्होंने सूचनाएं देने के बदले आईएसआई से कुछ धन प्राप्त किया है या नहीं। उन्होंने कहा कि आरोपी जवान के खिलाफ देशद्रोह सहित अन्य धाराओं में मामला दर्ज किया जाएगा।