रविवार को मुख्यमंत्री निरालानगर में भारतीय किसान संघ के सम्मेलन में पहुंचे थे। जहाँ उन्होंने संबोधित करते हुए कहा कि हमने हर जिले में गोशाला खोलने के लिए 1.20 करोड़ रुपये दिए हैं। नगर निगमों को अलग से पैसा दिया गया है। इनमें प्रत्येक में पांच से दस हजार गोवंश का रख-रखाव हो सकेगा। ललितपुर के डीएम ने इस दिशा में पहल की है। सनातन धर्म मानने वाला हर परिवार गोवंश का सम्मान करता है। किसान संघ पहल करे और हर जिले में 5000 परिवारों को एक-एक गोवंश की देख-रेख की जिम्मेदारी लेने के लिए तैयार करे। समस्या का हल निकल जाएगा।
गिनाई सरकार की योजनाएं
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश सरकार की खूबियां भी गिनाई। उन्होंने कहा कि नारों से पिछले 70 साल से लोगों को बरगलाया गया। सरकार के पास कुबेर का खजाना नहीं है कि हर चीज फ्री दे। किसान संगठनों को किसानों को स्वावलंबी बनाने पर जोर देना चाहिए न कि परावलंबी बनाने पर। किसान अन्नदाता हैं, उन्हें भीख मांगने पर विवश न करें। हम सभी को उनके आत्मसम्मान व स्वाभिमान पर ध्यान देना होगा। प्रदेश सरकार ने एक लाख किसानों के खाते में सीधे एक लाख करोड़ से अधिक की रकम पहुंचाई है। इससे पहले किसान संघ ने मुख्यमंत्री के समक्ष आवारा पशुओं की समस्या के समाधान और गन्ना मूल्य भुगतान की मांग रखी।
गन्ना किसानों के लिए खुशखबरी
योगी सरकार ने गन्ना किसानों को खुशखबरी सुनाते हुए कहा कि इस साल हमने 35 हजार करोड़ रुपये से अधिक गन्ना मूल्य का भुगतान किया है। अक्टूबर के अंत तक पूरे बकाए का भुगतान कर दिया जाएगा। जो 40% चीनी मिलें चीनी के दाम कम होने के कारण सक्षम नहीं है, उनको सरकार सॉफ्ट लोन देगी। सीएम योगी ने कहा कि पेट्रोल में एथनॉल मिलाने का लक्ष्य बढ़ाने का जो फैसला हुआ है, उसका प्रस्ताव यूपी ने ही केंद्र को दिया था। गन्ना, चीनी, आलू, दुग्ध उत्पादन में प्रदेश नंबर एक होने की ओर है। कर्नाटक में 6 घंटे बिजली किसानों को मिलती है जबकि यूपी 18 घंटे दे रहा है। बिजली न होने पर डीजल के इस्तेमाल से 25 रुपये प्रति यूनिट की लागत अब बिजली आने से एक रुपये पर पहुंच गई है। कार्यक्रम में कैबिनेट मंत्री आशुतोष टंडन, ब्रजेश पाठक, किसान संघ के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह, संगठन महामंत्री दिनेश कुलकर्णी आदि मौजूद रहे।