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CBI को नहीं दी गई है जानकारी
रिश्तेदार के अनुसार पीड़िता ने बताया कि कार चला रहे वकील ने रिवर्स गियर में कार डालकर ट्रक के रास्ते से बचने की कोशिश की लेकिन वह सफल नहीं हो सके, क्योंकि ट्रक बिल्कुल उन्हीं की तरफ मुड़ गया और फिर यह हादसा हो गया। रेप पीड़िता की स्थिति हालांकि अभी नाजुक बनी हुई है लेकिन बीच में कुछ देर जब वह होश में रहीं, उन्होंने अपने रिश्तेदार से इस घटना के बारे में जिक्र किया। हालांकि मामले की जांच कर रही सीबीआई को इस ब्योरे के बारे में अभी तक जानकारी नहीं दी गई है। रिश्तेदार ने कहा, ‘उसने मुझे अकेले में यह बात बताई। रेप कांड के बाद उन्नाव छोड़ने और इस हादसे तक लगातार मैं उसके साथ रहा हूं। ऐसे में शायद उसका भरोसा मुझ पर अधिक है। उसने सीबीआई अधिकारियों को भी मिलने से इनकार कर दिया, जो एम्स आए थे।’ रिश्तेदार के मुताबिक पीड़िता का अब सीबीआई से भी विश्वास उठ गया है। रिश्तेदार ने कहा, वह मुझसे कहती है कि यूपी सरकार से विश्वास खत्म होने के बाद अब उसका सीबीआई पर से भी भरोसा उठ गया है। ऐसा इसलिए भी है कि उसने सीबीआई को कई बार अपने जान के खतरे को लेकर आगाह किया लेकिन कोई भी ठोस कदम नहीं उठाया गया।
CBI को जांच के लिए दो हफ्ते की मोहलत
उन्नाव रेप पीड़िता (Unnao Rape Victim) रोड एक्सीडेंट मामले की जांच में सीबीआई (CBI) ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में स्टेटस रिपोर्ट सौंप दी और कोर्ट से जांच के लिए अतिरिक्त समय की मांग की। सोमवार को सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को मामले की जांच के लिए दो हफ्ते की और मोहल दी है। साथ ही योगी सरकार को हादसे में घायल पीड़िता के वकील को 5 लाख रुपए मेडिकल खर्च के रूप में देने का निर्देश भी दिया।