गठबंधन का ये होगा फार्मूला सूत्रों के मुताबिक इस गठबंधन में 70 सीटों का बंटवारा सपा-बसपा के बीच होगा। जिसमें सपा ? लगभग 36 सीटों और बसपा 34 सीटों पर लोकसभा चुनाव लड़ सकती है। सीट बंटवारे के इस फार्मूले पर सपा-बसपा की सहमति भी बन चुकी है। बाकी सीटों पर रालोद और दूसरे छोटे दल चुनाव लड़ेंगे। इसके अलावा समाजवादी पार्टी अपने कोटे की कुछ और सीटें भी छोटे दलों के खाते में जोड़ सकती है। लोकसभा के ताजे आंकड़ों पर नजर डालें तो लोकसभा के उपचुनाव में फूलपुर और गोरखपुर सीट जीतने के बाद सपा की सीटों की संख्या 7 है।
2014 के आंकड़ों को बनाया गया आधार आपको बता दें कि गठबंधन में सपा-बसपा के बीच 70 सीटों के बंटवारे का आधार 2014 के लोकसभा चुनाव को बनाया गया है। दरअसल 2014 के लोकसभा चुनाव में सपा को यूपी में 5 सीटों पर जीत मिली थी। जबकि 31 सीटों पर सपा दूसरे नंबर पर थी। इसी आंकड़े को देखते हुए गठबंधन में सपा के खाते में 36 सीटें आईं। वहीं 2014 के लोकसभा चुनाव में बसपा को एक भी सीट पर जीत नहीं मिली, जबकि 34 सीटों पर वह दूसरे नंबर पर रही। इसी को देखते हुए गठबंधन में मायावती के हिस्से में 34 सीटें आईं।
गठबंधन में कांग्रेस नहीं होगी शामिल वहीं सपा-बसपा अपने गठबंधन में कांग्रेस को शामिल नहीं करेगी। क्योंकि अखिलेश और मायावती का मानना है कि एमपी, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में शानदार जीत के बाद अब कांग्रेस इस गठबंधन में ज्यादा सीटें मांगेगी। जिससे इन दोनों ही दोनों का गणित बिगड़ जाएगा। क्योंकि उसके वोट सपा और बसपा को ट्रांसफर नहीं हो पाते। लेकिन ऐसी जानकारी आ रही है कि सपा-बसपा से बची 10 सीटों में से रायबरेली और अमेठी में गठबंधन का प्रत्याशी चुनाव नहीं लड़ेगा। इसके अलावा बाकी 8 सीट पर अजीत सिंह की रालोद बाकी दलों के उम्मीदवार चुनाव लड़ेंगे।