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अयोध्या में राम मंदिर को लेकर सबसे बड़ा दान, बढ़ा सियासी पारा

locationलखनऊPublished: Nov 21, 2018 11:40:49 am

अयोध्या में राम मंदिर बनाने के मुद्दा दिनों दिन गरमाता जा रहा है।

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अयोध्या में राम मंदिर को लेकर सबसे बड़ा दान, बढ़ा सियासी पारा

लखनऊ. अयोध्या में राम मंदिर बनाने के मुद्दा दिनों दिन गरमाता जा रहा है। हिंदू संगठनों समेत तमाम साधु-संत मंदिर को लेकर आर-पार के मूड में आ गए हैं। इसी कड़ी में एक राम भक्त ने राम मंदिर निर्माण के लिये एक करोड़ की भेंट करने का ऐलान किया है।

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राष्ट्रीय स्वयं संघ के पूर्व सह संघ चालक ने राम मंदिर बनवाने के लिये एक करोड़ रुपये दान दिया है। प्रतापगढ़ के चिलबिला के है सियाराम द्वारा दिये जा रहे दान की चर्चा हर तरफ फैली है। यह आयोध्या में राम मंदिर के लिए सबसे बड़ा दान है।

 

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25 नवंबर को होगी धर्मसभा

उदासीन अखाड़ा के बाबा अनुरागी दास ने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण की मांग को लेकर 25 नवंबर को संत समुदाय की ओर से धर्मसभा होगी। राम मंदिर निर्माण के लिए शंखनाद कार्यक्रम चलाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय द्वारा हिंदू धर्म की आस्था को ध्यान में रखते हुए जल्द से जल्द राम मंदिर को लेकर फैसला सुनाया जाना चाहिए था, लेकिन शीर्ष अदालत करोड़ों हिंदुओं की भावनाओं को अनदेखा करते हुए राम मंदिर मामले की सुनवाई टाल दी। वहीं विश्व हिंद परिषद के नेता ओमप्रकाश पांडेय बजरंगी ने कहा कि हिंदू समाज मंदिर मुद्दे का शीघ्र निस्तारण चाहता है। इसी को लेकर 25 नवम्बर को अयोध्या में धर्मसभा होने जा रही है। उन्होंने कहा कि संतों की यह धर्मसभा पूरे देश में होगी। इसमें जिलेभर से 50 हजार से अधिक संख्या में लोग संत धर्मसभा में पहुंचेंगे।

हिंदू युवा वाहिनी भारत के मण्डल अध्यक्ष प्रदीप कुमार दुबे ने कहा कि इस बार धर्मसभा के माध्यम से संत सरकार के सामने यह बात रखेंगे कि यदि शीर्ष अदालत में निर्णय नहीं हो पा रहा है तो संसद में मंदिर निर्माण संबंधी कानून बनाकर राम मंदिर निर्माण की बाधा दूर की जाये।

आरएसएस के जानकार एवं सहसंयोजक विधि विषयक राजेन्द्र प्रताप सिंह एडवोकेट ने कहा कि राम मंदिर निर्माण को लेकर शंखनाद कार्यक्रम चलाया जा रहा है। प्रभातफेरी के माध्यम से धर्मसभा में पहुंचने का आह्वान किया जा रहा है। जिले से करीब 50 हजार लोगों के पहुंचने का अनुमान लगाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि संघ प्रमुख मोहन भागवत ने सरकार को पहले ही चेताया है कि यदि राम मंदिर का मसला शीर्ष अदालत में लम्बित चल रहा है तो ऐसे में कानून बनाकर मन्दिर निर्माण की सारी बाधाएं दूर कर ली जानी चाहिए।

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