लोकभवन में मंगलवार को कैबिनेट की बैठक खत्म होने के बाद पत्रकारों से बातचीत में कहा कि राहुल गांधी रफेल मामले में अनर्गल बयान बाजी कर रहे हैं। उन्हें तथ्यों की सही जानकारी नहीं है। उन्होंने कहा कि वह सिर्फ मेरे दो सवालों का जवाब दें और बताएं कि राहुल बताएं कि यह सौदा कब हुआ था। रफेल का उत्पादन हुआ है उसके साथ अम्बानी का 2012 में समझौता हुआ था या नहीं। इससे साफ हो जाएगा कि राहुल गांधी सही बोल रहे हैं या गलत। उन्होंने कहा कि वे लोगों को भ्रमित करने का प्रयास कर रहे हैं।
राहुल गांधी से सवाल करते हुए उन्होंने कहा कि रफेल आफसेट है या उत्पाद । रफेल लेने का करार अगर एचएएल से हो गया था तो उनकी सरकार ने मुहर क्यों नहीं लगाई। एक कहावत है कि लगातार 100 झूठ बोलने पर वह सच साबित हो जाता है, लेकिन यह झूठ सच साबित होने वाला नहीं। प्रधानमंत्री को बदनाम करना चाहते हैं। एक बात और कि लोकसभा चुनाव में रफेल मुद्दा नहीं बनेगा।
उन्होंने कहा कि वे लोगों को भ्रमित करने का प्रयास कर रहे हैं। वह यह भी कह रहे हैं कि प्रधानमंत्री मोदी ने फ्रांस पर दबाव बनाकर यह सौदा किया है, अगर ऐसा होता तो अब तक बहुत सारी बातें सामने आ चुकी होतीं। वह यूपीए सरकार की कमियों को छिपाने के लिए ऐसा कह रहे हैं। उनकी सरकार में 126 रफेल खरीदने का सही से करार हुआ होता तो एनडीए सरकार को इसकी जरूरत ही न पड़ती।