बता दें कि जसवीर सिंह ने 2002 में महराजगंज एसपी रहते सीएम योगी पर रासुका के तहत कार्रवाई की थी. उस समय सीएम योगी पर रासुका लगाने के दूसरे दिन ही जसवीर सिंह का तबादला फूड सेल में हो गया था। निलंबन से वर्तमान में जसवीर सिंह लखनऊ में एडीजी रूल्स मैनुअल के पद पर तैनात थे।
अपने इंटरव्यू में जसवीर सिंह ने कहा था, “मैं एक आईपीएस अफसर हूं, इसलिए अपने सिद्धांतों से समझौता नहीं कर सकता.” वैसे यूपी कैडर के जसवीर सिंह वर्ष 1997 में तब सुर्खियों में आए, जब वह पुलिस अधीक्षक प्रतापगढ़ नियुक्त हुए और उन्होंने कुंडा के विधायक राजा भैया पर शिकंजा कसा।
इसी के चलते कुछ दिनों के अंदर ही जसवीर सिंह को प्रतापगढ़ से हटा दिया गया। यहीं से जसवीर सिंह का भ्रष्टाचार के खिलाफ जंग और तेज हो गई। इससे पहले आईपीएस जसवीर सिंह ने कहा कि देश सर्वोपरि है। राष्ट्र कार्य सर्वोपरि है। इसके लिए किसी प्रकार का बलिदान देने के लिए अधिकारियों को तत्पर रहना चाहिए।