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गन्ना किसानों के मुद्दों को लेकर RLD ने साधा सरकार पर निशाना

locationलखनऊPublished: Oct 23, 2018 04:06:35 pm

Submitted by:

Prashant Srivastava

राष्ट्रीय लोकदल ने मंगलवार को बकाया गन्ना मूल्य का ब्याज सहित भुगतान तथा मिलों को शीघ्र चालू कराने की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन किया।

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गन्ना किसानों के मुद्दों को लेकर RLD ने साधा सरकार पर निशाना

लखनऊ. राष्ट्रीय लोकदल ने मंगलवार को बकाया गन्ना मूल्य का ब्याज सहित भुगतान तथा मिलों को शीघ्र चालू कराने की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन किया। वहीं राजधानी लखनऊ में गन्ना आयुक्त कार्यालय पर प्रदेष अध्यक्ष डाॅ मसूद अहमद के नेतृत्व में राष्ट्रीय लोकदल के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने धरना प्रदर्षन कर महामहिम राज्यपाल को सम्बोधित 11 सूत्रीय मांगों का ज्ञापन अपर गन्ना आयुक्त को सौंपा। रालोद कार्यकर्ताओं ने गन्ना आयुक्त कार्यालय पर बकाया गन्ना मूल्य का भुगतान करों व मिलों को शीघ्र चालू करो जैसे नारे लगाए और प्रदेश सरकार के खिलाफ जमकर आक्रोष जताया। धरने को मुख्य रूप से राष्ट्रीय महासचिव वंषनारायन सिंह पटेल एवं शिवकरन सिंह तथा राष्ट्रीय प्रवक्ता अनिल दुबे ने भी सम्बोधित किया।
आरएलडी का धरना प्रदर्शन


धरने को सम्बोधित करते हुये प्रदेष अध्यक्ष डाॅ. मसूद अहमद ने कहा कि गन्ना किसान सरकार की अनदेखी के कारण आज समस्याओं के भवंर मे फंसकर निराश और हताश है। विगत वर्ष का बकाया गन्ना मूल्य भुगतान न होने से अपने सरकारी देय, यथा-बिजली बिल, फसली ऋण (बैंक और सहकारी समिति द्वारा लिया क्राप लोन) आदि चुकाने मे असमर्थ किसान को सरकारी अमला लगातार परेशान कर रहा है। धरने का संचालन प्रदेष प्रवक्ता सुरेन्द्रनाथ त्रिवेदी ने किया।

ज्ञापन में रालोद नेताओं द्वारा मांग की कि 15 अक्टूबर से शुगर मिल चलाने की घोषणा के बाद भी आज तक न चलने वाली शुगर मिल तुरन्त चालू कराई जाएं, प्रदेश सरकार द्वारा शुगर मिलों पर माफ किए ब्याज रू 2000/-करोड़ का भुगतान भी माननीय उच्च न्यायालय के आदेश मार्च 2018 के अनुसार किसानो को बकाया गन्ना मूल्य सहित तुरन्त कराया जाए, गन्ना की फसल में बीमारी लगने से गत वर्ष की तुलना में गन्ना की पैदावार लगभग 15-20 प्रतिषत कम है जिसके कारण किसानों को भारी आर्थिक क्षति हुयी है वहीं दूसरी ओर डीजल, उर्वरक, कीटनाशक, बीज, विद्युत दर, कृषि उपकरण आदि की कीमतों में वृद्वि को ध्यान में रखते हुये गन्ना का लाभकारी राज्यपरामर्षी मूल्य घोषित किया जाए।
सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार चीनी पर पहला हक किसान का बताया गया है चीनी विक्रय मूल्य व चीनी मिलों द्वारा गन्ने से तैयार किये जा रहे समस्त उत्पाद जैसे शीरा ऐथनाल, मदिरा, कैमिकल, बिजली, खोई, मैली आदि की बिक्री से प्राप्त समस्त धन का 100 प्रतिषत उपयोग किसानों के बकाया गन्ना भुगतान में ही किया जाय, आगामी पेराई सञ 2018-2019 मे किसानों को नियमानुसार 14 दिन मे भुगतान किया जाना सुनिश्चित किया जाए, वर्तमान वर्ष से लागू सहकारी समिति द्वारा गन्ना पर्ची वितरण मे गड़बड़ी रोकने के लिए गन्ना विभाग के अधिकारियों की जिम्मेदारी सुनिश्चित की जाए, वर्तमान वर्ष मे लागू नए नियम यथा खसरा/खतौनी की नकल, आधार कार्ड आदि से किसान परेशान है।

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