आनंदीबेन पटेल ने विद्यार्थियों से आग्रह किया कि पूर्वजों से मिली सांस्कृतिक विरासत के प्रति सम्मान प्रकट करें। संगीत, नृत्य और नाटक सभी के लिए बहुत अधिक अनुशासन और रियाज की जरूरत होती है, क्योंकि कड़ी मेहनत एवं अभ्यास से ही इन कलाओं में महारत हासिल की जाती है। उन्होंने कहा कि हमारे महान संगीतकार घण्टों समय अभ्यास में ही बिताते हैं तभी उनको महान कहा जाता है। उन्होंने कहा कि हमारे कलाकारों और संगीतज्ञों को नई पीढ़ी के युवाओं में भारतीय संस्कृति और कला के प्रति सम्मान उत्पन्न करने और उन्हें शास्त्रीय संगीत व नृत्य सीखने के लिये प्रेरित करना होगा।
इससे पहले राज्यपाल ने आज संविधान दिवस के अवसर पर समारोह में उपस्थित लोगों को संविधान में उल्लिखित कर्तव्यों को याद दिलाते हुए कहा कि मूल कर्तव्यों के प्रति जागरूकता एवं संवेदनशीलता बढाने को प्राथमिकता दिया जाना आवश्यक है। मूल कर्तव्यों का पालन करने से ही अधिकारों का भी संरक्षण होगा क्योंकि मूल अधिकार व मूल कर्तव्य एक दूसरे के पूरक हैं।