जब तक नहीं होगी कार्रवाई तब तक काम नहीं करेंगे शिक्षक लखनऊ यूनिवर्सिटी टीचर्स एसोसिएशन (लुआक्टा) ने इस उपद्रव के बाद फैसला लिया गया है कि जब तक दोषियों की गिरफ्तारी नहीं होती और लापरवाही करने वाले पुलिस अधिकारियों पर कार्रवाई नहीं की जाती, शिक्षकों का कार्य बहिष्कार जारी रहेगा। वहीं यूनिवर्सिटी टीचर्स एसोसिएशन के समर्थन में संबद्ध डिग्री कॉलेजों के टीचर्स की एसोसिएशन लुआक्टा ने भी 6 जुलाई से डिग्री कॉलेजों में दाखिले बंद कराने की बात कही है।
जानें क्या बोले वीसी- मीडिया से बातचीत में एलयू के वीसी प्रो एसपी सिंह ने कहा कि हम लगातार स्थिति को सामान्य बनाने की कोशिशें कर रहे हैं. कई स्तर पर जिला प्रशासन से लेकर राजभवन तक वार्ता चल रही है। टीचर मानने को तैयार नहीं हैं। मामले में कोर्ट ने भी संज्ञान ले लिया है। लुआक्टा के अध्यक्ष डॉ. मनोज पांडेय ने कहा कि अगर कार्रवाई नहीं होती है तो यूनिवर्सिटी से संबद्ध महाविद्यालयों में भी पढ़ाई पूरी तरह से ठप कर दी जाएगी।
क्या था मामला दरअसल बुधवार को लखनऊ यूनिवर्सिटी में काउंसलिंग को लेकर शुरु हुआ विवाद उग्र हो गया। कई पूर्व छात्रों व बाहरी लोगों ने भी यूनिवर्सिटी कैंपस में जमकर हंगामा काटा। इस दौरान कुछ पूर्व छात्रों ने प्रॉक्टर, डीएसडब्ल्यू, डीन सीडीसी की जमकर पिटाई कर दी। ये सभी घायल हो गए हैं। वहीं कुलपति की गाड़ी पर भी पथराव हुआ। इस बवाल के बाद लखनऊ यूनिवर्सिटी अनिश्चितकाल के लिए बंद कर दी गई है। इसी के साथ यूनिवर्सिटी में चल रही दाखिले की काउंसलिंग भी ठप हो गई है। इस मामले में यूनिवर्सिटी प्रशासन का कहना है कि पुलिस सहयोग नहीं कर रही है।
अखिलेश उतरे छात्रा के समर्थन में लखनऊ यूनिवर्सिटी मामले में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने छात्रा पूजा शुक्ला का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि उसे प्रवेश देने से मनमाने तरीके से रोक दिया गया।इसके विरोध में वह शांतिपूर्ण धरना पर बैठीं तो उत्पीडऩ किया गया। सपा अध्यक्ष ने कहा कि किसी बेटी को पढऩे के लिए अनशन करना पड़े, यह तो सभ्य समाज के लिए शर्मनाक है। विश्वविद्यालय और शासन-प्रशासन ने भी समाजवादी छात्र सभा को बदनाम करने की कुचेष्टा की है। यह युवा पीढ़ी के भविष्य को अंधेरे में ढकेलने का दुष्प्रयास है। शिक्षा संस्थान में ऐसा आचरण पूरी तरह अवांछनीय है