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कानून व्यवस्था पर घिरी योगी सरकार, पुलिस डैमेज ‘कंट्रोल’ में जुटी

locationलखनऊPublished: Dec 04, 2018 03:22:05 pm

Submitted by:

Prashant Srivastava

कानून व्यवस्था को लेकर प्रदेश सरकार एक बार फिर कटघरे में है। बुलंदशहर घटना ने यूपी की कानून व्यवस्था पर तमाम सवाल खड़े कर दिए हैं।

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कानून व्यवस्था पर घिरी योगी सरकार, पुलिस डैमेज ‘कंट्रोल’ में जुटी

लखनऊ. कानून व्यवस्था को लेकर प्रदेश सरकार एक बार फिर कटघरे में है। बुलंदशहर घटना ने यूपी की कानून व्यवस्था पर तमाम सवाल खड़े कर दिए हैं। इसके अलावा सोमवार रात भाजयुमो नेता की हत्या के बाद से लोगों में रोष बढ़ गया है। विपक्षी दलों ने भी इसको लेकर सरकार पर निशाना साधा है। वहीं योगी सरकार के मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने भी हिंदुुवादी संगठनों को बुलंदशहर घटना का दोषी बताया। प्रदेश के डीजीपी मीडिया के सवालों से बच रहे हैं। वहीं पुलिस ‘डैमेज कंट्रोल’ में जुट गई है।
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि उत्तर प्रदेश में भय और दहशत का वातावरण बन गया है। प्रदेश की भाजपा सरकार के शासन में थाने भी सुरक्षित नहीं रह गये है। पुलिस इंस्पेक्टर की हत्या इस बात का प्रमाण है कि उत्तर प्रदेश में पूरी तरह जंगलराज आ गया है। लूट, हत्या, बलात्कार की घटनाओं से लोग डरे हुए है। प्रदेश सरकार का कानून व्यवस्था पर कोई नियंत्रण नहीं रह गया है।अखिलेश यादव ने कहा कि जब से उत्तर प्रदेश में भाजपा सत्ता में आयी है, पुलिस व्यवस्था भी बदहाल हो गयी है।
कानून व्यवस्था पर सरकार को घेरा

वहीं कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता डाॅ. उमाशंकर पाण्डेय ने आज जारी बयान में कहा कि जिलाधिकारी बुलन्दशहर द्वारा यह बताया जाना कि यह दंगा अवैध बूचड़खाने के चलते हुआ है बेहद हास्यास्पद है, क्योंकि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 2017 में प्रदेश के चुनावों के समय यह ऐलान किया था कि सत्ता में आते ही 24 घण्टे में सभी अवैध बूचड़खाने बन्द कर दिये जायेंगे, फिर यह अवैध बूचड़खाना कैसे चल रहा था? प्रश्न यह उठता है कि लम्बे समय से संचालित अवैध बूचड़खाने को लेकर आज एकाएक ऐसी कौन सी परिस्थिति पैदा हुई जिससे इतना बड़ा दंगा हो गया कि पुलिस इन्सपेक्टर के साथ दो अन्य लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी।आम आदमी पार्टी के यूपी प्रभारी एवं राज्यसभा सासंद संजय सिंह ने घटना पर अफ़सोस जताते हुए दुःख व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि इस तरह की घटनाएँ बेहद दुखद हैं | भीड़ में कौन ऐसे लोग थे, जिन्होंने पुलिस इंस्पेक्टर को गोली मार दी | सरकार ऐसे पेशेवर अपराधियों को चिन्हित कर कड़ी से कड़ी सजा दिलाये और उन्होंने योगी सरकार से मांग की है कि इंस्पेक्टर सुबोध कुमार के परिजनों को आर्थिक मदद के रूप में एक करोड़ रुपया की धनराशि और परिवार के एक व्यक्ति को नौकरी दें

किसी संगठन का नाम लेना गलत: एडीजी

यूपी के एडीजी लॉ एंड ऑर्डर आनंद कुमार ने कहा कि इस पूरी घटना में अभी तक किसी संगठन का नाम नहीं आया है। स्थिति पूरी तरह नियंत्रण अौर शांतिपूर्ण बनी हुई है। इलाके में भारी संख्या में पीएसी व आरएएफ तैनात की गई है। एडीजी ने हिंसा में मारे गए इंस्पेक्टर सुबोध सिंह को शहीद बताया और कहा कि वह हमारे पुलिस परिवार के सदस्य थे। हम उनके परिवार की हरसंभव मदद करेंगे। उन्होंने बताया कि हिंसा में 27 लोगों को नामित किया गया है जबकि चार की गिरफ्तारी हुई है।
एडीजी ने बताया कि कि एसआईटी घटनास्थल पर पहुंच गई है और अपना काम कर रही है। ये खुफिया एजेंसी की असफलता है या किसी और की जांच रिपोर्ट आने पर ही पता चलेगा। चमन, रामबल, आशीष चौहान और सतीश को गिरफ्तार किया गया है। जबकि योगेश राज अभी भी पुलिस की पकड़ से बाहर है। आपको बता दें कि योगेश बजरंग दल का जिला संयोजक है।एडीजी ने बताया कि मारे गए युवक सुमित का पोस्टमार्टम हो चुका है। उसके शरीर में गोली पाई गई। उन्होंने स्वीकार किया कि हिंसा के दौरान पुलिस ने हवाई फायरिंग की थी।

राजभर ने दिया ये बयान

बुलंदशहर में हुई घटना को लेकर विपक्षी दलों के बाद अब योगी सरकार ने मंत्री ने बड़ा बयान किया है। अक्सर अपने बयानों को लेकर चर्चा यूपी सरकार के मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने बुलंदशहर में हुई हिंसा को लेकर हिंदूवादी संगठनों पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि बुलंदशहर में हिंसा विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के लोगों की साजिश है। यहां तक कि पुलिस ने भी कई भाजपा नेताओं के नाम लिए हैं। उन्होंने कहा कि आखिर मुस्लिम इज्तिमा के दिन ही क्यों यह घटना हुई? ये हिंदू संगठनों की अशांति फैलाने की साजिश है। राजभर के इस बयान के बाद विपक्षी नेताओं को सरकार पर सवाल उठाने का मौका दे दिया है।
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