पश्चिमी यूपी में जुटीं प्रियंका गांधी ज्योतिरादित्य (Jyotiraditya Scindia) की पश्चिमी यूपी के प्रभार से दूरी के चलते प्रियंका गांधी वाड्रा चाहकर भी राज्य की सभी जिला और शहर की 129 कमेटियों की घोषणा एक साथ नहीं कर सकीं। दरअसल पहले राज्य को दो हिस्सों पूर्वी और पश्चिम में बांटा गया था। प्रियंका (Priyanka Gandhi) ने अपने क्षेत्राधिकार में आने वाले जिलों में अध्यक्षों की खोज का काम काफी पहले शुरू कर दिया था। लिहाजा जिन 51 कमेटियों की घोषणा की गई है उसमें लगभग सभी पूर्वी यूपी से संबंधित हैं। ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) के खुद को किनारे करने के बाद प्रियंका ने पूरे राज्य की बैठकें शुरू की हैं। शुक्रवार से एक बार फिर प्रियंका ने बारी-बारी पश्चिमी यूपी के बचे हुए जिलों के नेताओं से बातचीत शुरू कर दी है। जानकारी के मुताबिक शेष 78 कमेटियों की घोषणा दिवाली (Diwali 2019) के बाद हो सकती है।
राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के घर पर पश्चिमी यूपी (West UP) के नेताओं के साथ कर रही बैठक यूपी की प्रभारी बनाए जाने के बाद प्रियंका गांधी का फोकस राज्य के पूर्वी इलाके पर था लेकिन अब पश्चिम से जुड़े तीनों सचिव भी उन्हें रिपोर्ट कर रहे हैं और प्रियंका जिलों के नेताओं से मिल रही हैं। इसी क्रम में शुक्रवार को प्रियंका गांधी कानपुर (Priyanka Gandhi Kanpur) के नेताओं से भी मिलीं। यह अहम बैठक दिल्ली में तुगलक लेन स्थित राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के घर पर हुई। इस बैठक में प्रियंका गांधी ने कानपुर के कांग्रेस, नेताओं और कार्यकर्ताओं से मुलाकात की। दरअसल इस बैठक को कानपुर जिला अध्यक्ष के चयन से जोड़कर देखा जा रहा है। कांग्रेस ने कानपुर से ऊषारानी कोरी को और कानपुर देहात (Kanpur Dehat) से नरेश कटियार (Naresh Katiyar) को जिला अध्यक्ष घोषित किया है। वहीं दूसरी तरफ जिन जिलों में अध्यक्ष की घोषणा नहीं हुई उसमें कुछ जगहों पर विवाद भी है जिसकी रिपोर्ट सचिवों ने प्रियंका को दी है और अब वे बातचीत कर समाधान करेंगी। नौ जिलों में विधानसभा के उपचुनाव हो रहे हैं इसलिए वहां जानकर कमेटियां के अध्यक्षों की घोषणा नहीं की गई है ताकि चुनाव में व्यवस्था बनी रहे।
प्रियंका का नया एक्शन प्लान दरअसल अब प्रियंका गांधी चाहती हैं कि यूपी कांग्रेस बड़े क्षत्रपों और संगठन को खुद की जागीर समझकर पद बांटने वालों के चंगुल से निकालें। प्रियंका (Priyanka Gandhi) बारी-बारी उन नेताओं को बातचीत के लिए दिल्ली बुला रही हैं जिनके नामों की संस्तुति दिल्ली से भेजे गए सचिव कर रहे हैं। प्रियंका पार्टी से ऐसे चेहरों को छांट कर जिम्मेदारी सौंप रही हैं जो सक्रिय और लो प्रोफाइल हैं। कार्यकर्ताओं से बातचीत में प्रियंका को इस बात की भी जानकारी मिली कि जिलों बड़े नेताओं के इशारों पर करीबियों को पदाधिकारी बनाकर खानापूर्ति की गई थी।
अदिति ने बढ़ाई मुश्किलें, एक बार फिर मिलीं योगी से कांग्रेस पार्टी नेतृत्व के इनकार के बाद भी विशेष सत्र में शामिल हुईं रायबरेली से कांग्रेस विधायक अदिति सिंह (MLA Aditi Singh) ने गुरुवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) से मुलाकात की। सीएम से अदिति सिंह की मुलाकात के बाद सियासी गलियारों में एक बार फिर पार्टी से नाराज अदिति के भाजपा में जाने की चर्चाएं शुरू हो गई हैं। हालांकि अदिति सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री का गुरुवार का दिन विधायकों से मिलने का तय है। अपने क्षेत्र की समस्याओं को लेकर उन्होंने मुख्यमंत्री से मुलाकात की है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री विकास कार्यों को लेकर हमेशा बेहद संजीदा रहते हैं और विपक्ष के विधायकों को भी विकास के मुद्दे पर पूरी तरजीह देते हैं। प्रियंका गांधी की करीबियों में शुमार विधायक अदिति सिंह ने पार्टी द्वारा 36 घंटे के विशेष विधानसभा सत्र का बहिष्कार किए जाने के बाद भी सत्र में भाग लिया था। इसको लेकर तत्कालीन कांग्रेस सीएमपी लीडर (अब प्रदेश अध्यक्ष) अजय कुमार लल्लू (Ajay Kumar Lallu) ने उन्हें नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा था। स्पष्टीकरण देने के लिए दो दिन का समय दिया था। अदिति सिंह ने स्पष्टीकरण का आज तक कोई जवाब नहीं दिया। साथ ही पार्टी के कार्यक्रमों से भी दूरी बना ली है।