मिलेगी यह सुविधा भी मानदेय बढ़ाने के अलावा आशा वर्कर्स को प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा और प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना मुफ्त दी जाएगी। दो-दो लाख की इन दोनों बीमा योजनाओं के तहत किसी तरह का प्रीमियम नहीं देना होगा व पूरा खर्च सरकार उठाएगी। कई जिलों में सरकार द्वारा स्मार्टफोन भी मुहैया कराए गए हैं। ये वर्कर्स अब तक अपना जो काम रजिस्टर में करती थीं, वो सब अब स्मार्टफोन पर करेंगी।
भारत को बनाना है एनीमिया मुक्त मोदी के तोहफे की बारिश बस यहीं खत्म नहीं हुई। जहां पहले 42 दिनों में 6 बार आशा वर्कर्स बच्चे के जन्म के बाद उसके पास जाती थीं, वहीं अब वे 11 महीने में 15 बार बच्चे के पास जा सकेंगी। आशा कार्यकर्ताओं के काम की सराहना कर मोदी ने उनका धन्यवाद किया। उन्होंने कहा कि जिस अपनेपन के साथ आशा कार्यकर्ता मेहनत करती हैं व गरीब महिलाओं को स्वास्थ सेवाएं प्रदान करती हैं, उससे मुझे उम्मीद है कि आने वाले दिनों में देश को बेहतर नागरिक मिल सकेंगे। पहले देश में एनीमिया बहुत बड़ी परेशानी थी। लेकिन अब इसके केसेस पहले से कम हो रहे हैं। मोदी ने कहा कि सरकार की कोशिश रहती है कि राष्ट्रीय पोषण कार्यक्रम की मदद से इसमें तेजी हो और एनीमिया जैसी बीमारियों की दर कम हो। मोदी ने कहा कि यूं समझ लें कि एनीमिया मुक्त भारत का मतलब ग्रभवती महिलाओं और बच्चों का नया जीवन है।