एसपी के खिसकते जनाधार को कैश करने के लिए उन्होंने पार्टी के सांसद और मुस्लिम नेता दानिश अली को आगे कर दिया, वहीं ब्राह्मणों में अपनी पैठ बनाने के लिए सतीश चंद्र मिश्रा को फ्रंटफुट पर रखा है। वहीं, बुधवार को शाहूजी महाराज की जयंती पर मायावती ने ट्वीट कर उन्हें देश में आरक्षण का जनक बताया और कुर्मी समाज को जयंती की बधाई दी।
BSP के पास इस वक्त कुर्मी नेता के नाम पर लालजी वर्मा के अलावा कोई बहुत बड़ा नाम नहीं है। पहले बीएसपी के पास सोने लाल पटेल, बरखू राम वर्मा जैसे कुर्मी बिरादरी के बड़े नाम थे। इसके अलावा स्वामी प्रसाद मौर्य और बाबू सिंह कुशवाहा जैसे बड़े ओबीसी नेता था, जबकि इस वक्त पुराने चेहरों में पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष आरएस कुशवाहा और रामअचल राजभर का नाम प्रमुख है। अभी हुए लोकसभा चुनाव में श्रावस्ती से जीते रामशिरोमणि वर्मा और जौनपुर से जीते श्यामसिंह यादव भी पिछड़ों के नेता के तौर पर बीएसपी में आगे आए हैं।
आरक्षण के जनक कुर्मी (OBC) समाज से ताल्लुक रखने वाले कोल्हापुर महाराष्ट्र के शासक रहे छत्रपति शाहूजी महाराज को आज उनके जन्मदिन पर शत् शत् नमन व देशवासियों को हार्दिक बधाई व शुभकामनायें। वे देश के उन महान सपूतों में से थे जिन्हें कभी भी भुलाया नहीं जा सकता है।
BSP Chief Mayawati ने अपने संदेश में शाहूजी महाराज को जातिगत रूप से उल्लेखित करते हुए ही शुभकामनाएं दी है, लेकिन यह भी कहा कि जातिवाद के खिलाफ उनके कर्ज को कभी नहीं उतारा जा सकता है। बीएसपी शाहूजी महाराज की स्मृतियां संजोने के लिए किए गए कार्यों का भी मायावती ने उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि देश की प्रमुख किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी और जिले का नाम भी शाहूजी महाराज के नाम पर रखा था।