वहीं जब प्रियंका को कांग्रेस का महासचिव बनाया गया और पूर्वी उत्तर प्रदेश की जिम्मेदारी सौंपी गई तब से ऐसी खबरों को बदल मिला कि सोनिया गांधी नहीं प्रियंका गांधी रायबरेली से लोकसभा का चुनाव लड़ेंगी। फिर प्रियंका के तीन दिनों के लखनऊ प्रवास के दौरान भी प्रयागराज, फूलपुर और रायबरेली से आए कार्यकर्ताओं ने उनसे इन जगहों से लोकसभा चुनाव लडऩे का अनुरोध किया। सबसे ज्यादा दबाव रायबरेली के लोग बना रहे थे। बतादें कि प्रियंका गांधी अमेठी और रायबरेली में चुनावों के दौरान अपने भाई राहुल गांधी और मां सोनिया गांधी के लिए प्रचार करती हैं। वह रायबरेली की जनता से अच्छी तरह से परिचित हैं। रायबरेली का जिम्मा भी उन्हीं के पास रहता था। रायबरेली के लोग दिल्ली आने पर प्रियंका से ही मिलते थे। लेकिन अब प्रियंका गांधी के लोकसभा चुनाव लडऩे की अटकलों पर विराम लग गया है। कांग्रेस सूत्रों ने साफ कर दिया है कि प्रियंका गांधी इस बार लोकसभा का चुनाव नहीं लड़ेंगी। वह केवल पूर्वी उत्तर प्रदेश पर फोकस करेंगी और कांग्रेस के लिए प्रचार करेंगी। सोनिया गांधी 2004 से उत्तर प्रदेश के रायबरेली संसदीय क्षेत्र से लोकसभा सांसद हैं। इससे पहले वह अमेठी से लोकसभा चुनाव जीतती रही हैं।