निषाद ने बताया कि मल्लाह, मांझी, केवट, निषाद, बिन्द, राजगौड़ आदि मझवार की, गोड़िया, धुरिया, कहार, रायकवार, बाथम, धीमर आदि गोड़ की, धीवर, धीमर, तुरहा, तुराहा आदि तुरैहा की, भर, राजभर पासी तड़माली की व कुम्हार, प्रजापति शिल्पकार की पर्यायवाची व वंशानुगत जाति नाम हैं। भाजपा ने 5 नवम्बर 2012 को दिल्ली के मावलंकर सभागार में देश भर के मछुआरा प्रतिनिधियों के बीच मछुआरा दृष्टिपत्र/फिशरमेन वीजन डाक्यूमेन्ट्स जारी किया था। संकल्प लिया था कि 2014 में भाजपा की सरकार बनने पर मछुआरा जातियों की आरक्षण की विसंगति को दूर किया जायेगा तथा नीली क्रांति का विकास कर मछुआरों को आर्थिक विकास किया जायेगा।
निषाद ने बताया कि 2004 से UP की 17 अतिपिछड़ी जातियों को अनुसूचित जाति का आरक्षण देने का प्रस्ताव केन्द्र सरकार के पास विचाराधीन था। केन्द्रीय सामाजिक न्याय व अधिकारिता मंत्री थावर चन्द्र गहलौत व उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री में वापस लेकर अतिपिछड़ी जातियों के साथ अन्याय किया है। अपने मुख्यमंत्रीत्वकाल में मुलायम सिंह यादव ने तीन बार, अखिलेश यादव ने दो बार मायावती ने अनुसूचित जाति में शामिल करने का केन्द्र सरकार को प्रस्ताव किया था।