बतादें कि 30 मई 2017 को सीएम योगी आदित्यनाथ कुशीनगर के मुसहर टोला गांव दौरे पर गए थे। बताया जाता है कि जब योगी वहां पहुंचे उससे पहले अधिकारियों ने गांव के दलितों को साबुन-शैंपू बांटे थे। उन्हें सीएम योगी से मिलने से पहले नहाने को कहा गया था। दलितों के इस अपमान के विरोध में गुजरात से योगी आदित्यनाथ को 125 किलो का साबुन गिफ्ट करने ४३ लोग लखनऊ जा रहे थे इसी दौरान इन लोगों को झांसी रेलवे स्टेशन पर पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।
एनएचआरसी से शिकायत में परमार ने कहा था कि पुलिस ने उन्हें 12 घंटे से अधिक समय तक अवैध रूप से हिरासत में लिया है, उन्होंने ऐसा क्यों किया इसका कारण नहीं बताया और न ही पुलिसकर्मियों ने इस संबंध में उनके रिश्तेदारों को सचित किया। बतादें कि जो साबुल सीएम को गिफ्ट किया जाना था वह 125 किलो का था और इसकी लंबाई तीन फीट थी। संगठन ने इस साबुन को बनाने के लिए एक हजार महिलाओं से दस-दस रुपए जुटाए थे। इस साबुन को बनाने के लिए तीन हजार 25 रुपए का कलेक्शन किया गया और इन्हीं रुपयों से दस दिन में 125 किलो का साबुन बनाया गया, जिसे गिफ्ट करने के लिए 43 लोग गुजरात से लखनऊ आ रहे थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें झांसी में ही हिरासत में ले लिया।