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लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी को बड़ा झटका, राजभर के अलावा इस सहयोगी दल ने भी सरकार को दिया अल्टीमेटम

locationलखनऊPublished: Feb 14, 2019 05:59:10 pm

Submitted by:

Hariom Dwivedi

मंत्री ओम प्रकाश राजभर के फैसले से उत्तर प्रदेश के सियासी माहौल में ठंड के बावजूद तपिश बढ़ गई है

Om Prakash Rajbhar

लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी को बड़ा झटका, राजभर के अलावा इस सहयोगी दल ने भी सरकार को दिया अल्टीमेटम

लखनऊ. सरकार पर लगातार जुबानी हमला बोलने वाले मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने गुरुवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर कहा कि वह पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग का प्रभार छोड़ रहे हैं। राजभर के इस फैसले से उत्तर प्रदेश के सियासी माहौल में ठंड के बावजूद तपिश बढ़ गई है। चर्चा है कि वह जल्द ही अपना कैबिनेट मंत्री का पद और भारतीय जनता पार्टी का साथ छोड़ सकते हैं। सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर के पास पिछड़ा वर्ग कल्याण एवं दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग था। राजभर द्वारा मंत्रालय छोड़ने से ओबीसी के लोग गुस्से में हैं। आनन-फानन में डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा उन्हें मनाने पहुंचे, लेकिन वह नहीं माने। इससे पहले अपना दल (एस) की संरक्षक व एनडीए में सहयोगी अनुप्रिया पटेल ने भारतीय जनता पार्टी को 20 फरवरी तक की डेटलाइन दे चुकी हैं।
अपना दल (एस) की संरक्षक व एनडीए में सहयोगी अनुप्रिया पटेल ने भारतीय जनता पार्टी को 20 फरवरी तक की डेटलाइन दी है। उन्होंने स्पष्ट तौर पर कहा है कि अगर भाजपा आलाकमान ने उनकी मांगें नहीं मानी तो 20 फरवरी के बाद वह कभी भी गठबंधन तोड़ सकती हैं। बीते दिनों में अपना दल के अध्यक्ष आशीष पटेल कई बार प्रदेश भाजपा पर सहयोग न करने के गंभीर आरोप लगा चुके हैं। अनुप्रिया भले ही 20 के बाद गठबंधन से अलग होने की बात कही रही हैं, लेकिन अभी उन्होंने अपने पत्ते नहीं खोले हैं कि गठबंधन में वह किसके साथ जाएंगी।
anupriya patel
क्या लिखा पत्र में
सुभासपा अध्यक्ष ने अपने पत्र में लिखा है कि पिछड़े वर्ग के लोगों को मुझसे बहुत अपेक्षाएं हैं, लेकिन सरकार लगातार पिछड़ा वर्ग के लोगों के हितों की लगातार अनदेखी कर रही है, जिसके चलते मैं उन्हें उनका हक नहीं दिला पा रहा हूं। पिछड़े वर्ग के लोगों के साथ हो रहे भेदभाव और अनदेखी को लेकर पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग का प्रभार आपको सौंप रहा हूं।
राजभर को मनाने पहुंचे डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा
पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग छोड़ने की घोषणा के बाद उन्हें मनाने की कवायद शुरू हो गई। राजभर की घोषणा के कुछ ही देर बाद प्रदेश के उपमुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा उनसे मिलने कालिदास मार्ग स्थित आवास पर पहुंचे। राजभर ने कहा कि सरकार ने पिछड़ा वर्ग आयोग के गठन में उनका सुझाव नहीं माना। जब मेरी बात ही नहीं सुनी जा रही तो अपने पास विभाग रखने का कोई मतलब ही नहीं। एनडीए में रहने के बारे में राजभर ने कहा कि इसके लिए हम 24 फरवरी तक इंतजार करेंगे और फिर निर्णय लेंगे।
dinesh sharma
24 फरवरी तक दिया था अल्टीमेटम
इससे पहले भी सरकार पर फोन टेप कराने का गंभीर आरोप लगाते हुए कैबिनेट मंत्री और सुभासपा अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर ने 24 फरवरी तक पिछड़ों के आरक्षण का बंटवारा नहीं किये जाने पर एनडीए से गठबंधन तोड़ने का अल्टीमेटम दे चुके हैं। उन्होंने कहा था कि भाजपा से अलग होने के बाद सपा-बसपा गठबंधन से तालमेल का ऑफर भी मिल रहा है, लेकिन पूर्वांचल में कांग्रेस के मजबूत जनाधार के चलते यह संभव है कि वह कांग्रेस के साथ जा सकते हैं। इसी के चलते उन्होंने पिछले महीने प्रयागराज में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में हिस्सा नहीं लिया था।
क्या होगा असर?
मौजूदा समय में उत्तर प्रदेश में सुभासपा के चार विधायक हैं। मंत्री ओम प्रकाश राजभर पूर्वी उत्तर प्रदेश की सलेमपुर, बलिया, जौनपुर, गाजीपुर, मछली शहर और आजमगढ़ समेत कम से कम 10 से 15 लोकसभा सीटों पर खासा प्रभाव माना जाता है। राजभर ही नहीं अन्य पिछड़ी जातियों में भी सुभासपा अध्यक्ष की अच्छी पकड़ है। अगर एनडीए से नाता तोड़ा तो कई सीटों पर भाजपा का खेल बिगाड़ सकते हैं।
1981 में शुरू की थी राजनीतिक पारी
– ओम प्रकाश राजभर गाजीपुर की जहूराबाद विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं
– 1981 में बसपा से राजनीतिक पारी शुरू की थी
– 2001 में बसपा से नाता तोड़ा
– 2004 में सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी का गठन किया
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