ये भी पढ़ें- शिवपाल के बेटे आदित्य का मुलायम को धमाकेदार तोहफा, पसपा (लोहिया) की इस घोषणा से अखिलेश खेमा भी हुआ खुश यूपी में लोकसभा उपचुनाव में समाजवादी पार्टी को दो सीट दिलाने में मदद करने वाली मायावती का संकेत साफ है कि उनकी पार्टी प्रदेश की आधी से भी अधिक मतलब करीब 50 सीटों पर अपनी पार्टी के प्रत्याशियों को उतारेंगी। वहीं उन्होंने अपने लिए भी लोकसभा सीट तलाशनी शुरू कर दी है। उम्मीदें भी है कि वह भाजपा को रोकने के लिए 2019 में अखिलेश यादव के एक साथ हाथ मिलाएंगी। लेकिन गठबंधन कर मायावती खुद किस सीट से चुनाव लड़ेंगी, यह अपने आप में बड़ा सवाल है।
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वैसे 2004 के आम चुनावों में मायावती ने अकबरपुर सीट पर फतह हासिल की थी। बसपा का यह पुराना गढ़ है, लेकिन यह सीट अब समान्य हो गई बै। इसी कारण वह यह कयासे लगाई जा रही हैं कि वह अपने गृह जिले गौतम बुद्ध नगर से चुनाव मैदान में उतर सकती हैं। वह अभी तक राज्यसभा व विधानपरिषद के रास्ते सदन तक पहुंचीं हैं, लेकिन अब 15 वर्षों बाद वह एक बार फिर से दांव चलेंगी।
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अभी तक सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव उनकी तारीफ कर रहे थे। गठबंधन पक्का होने के बाद मायावती के लिए वे खुल कर प्रचार-प्रसार करते नजर आ सकते हैं। मायावती के लोकसभा में ताल ठोकने से भाजपा में भी हड़कंप मचना तय है।