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मायावती की गुगली से कांग्रेस का गठबंधन से वाकओवर

locationलखनऊPublished: Sep 23, 2018 12:40:44 pm

Submitted by:

Anil Ankur

राहुल ने शुरू की नए सिरे से तैयारी, सपा से भी दूरी तय
 

grand alliance in up

यूपी में महागठबंधन

अनिल के. अंकुर
लखनऊ. वर्ष 2019 के फाइनल मैच की तैयारी से पहले ही मायावती की छत्तीसगढ़ में फेंकी गई गुगली से कांग्रेस ने गठबंधन से वॉकओवर करने का फैसला तकरीबन कर लिया है। इसकी औपचारिक घोषणा होना बाकी है। इसी के साथ चुनाव की संवेदनशीलता को देखते हुए राहुल ने अपने सियासी मित्र अखिलेश यादव से भी दूरी बनानी शुरू कर दी है। राजनीतिक प्रेक्षक इस पूरी प्रक्रिया को भाजपा के पक्ष में देख रहे हैं।
जोगी से मायावती की दोस्ती योगी को भाएगी
विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के विरोधी अजीत जोगी से बसपा अध्यक्ष मायावती का गठबंधन बहुत गंभीरता से लिया जा रहा है। इसका सीधा असर यूपी में पड़ेगा। बसपा का मूल आधार यूपी है और मायावती की अजीत जोगी से दोस्ती योगी के लिए फायदेमंद होगी। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव मायावती के इस रुख से परेशान जरूर हैं पर कुछ बयान नहीं दे रहे हैं। माया की इस चाल से इन दोनों नेताओं की धडकऩ बढ़ गयी है।
कांग्रेस ने बदली अपनी रणनीति
कांग्रेस ने आनन-फानन में अपनी रणनीति बदल दी और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजबब्बर को यूपी में फ्री हैंड छोड़ दिया है। इसके तहत वे अब गली-गली और चाय की दुकानों पर संपर्क कर रहे हैं। जनता तक पहुंच बनाने के लिए कांग्रेस ने यह नया फार्मूला इजाद किया है। कहा जा रहा है कि कांग्रेस बसपा से दूरी बनाने में ही समझदारी समझ रही है। कांग्रेस के पुराने सियासतबाजों का कहना है कि बसपा और अन्य दलों से मित्रता करके कांग्रेस ने अपना मूल आधार खोया है। अब ऐसा नहीं होना चाहिए। कांग्रेस अपनी जरूरत के मुताबिक यूपी में अपने उम्मीदवार उतारेगी।
माया की इस चाल का भाजपा को होगा फायदा
छत्तीसगढ़ की राजनीति में इस नए दांव से बीजेपी को फायदा होगा। अब भाजपा को कांग्रेस के साथ करीबी लड़ाई में आगे बढऩे का मौका मिल गया है। बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने मध्य प्रदेश में बसपा उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी कर कांग्रेस से सौदेबाजी की राह खोल रखी है। अब कांग्रेसी लाभ-हानि का आंकलन कर रहे हैं। दरअसल, जहां-जहां भाजपा की सरकारें थीं वहां बसपा दबाव की राजनीति कर रही है। इसका लाभ बसपा को आगामी चुनाव में भले ही उतना न मिले जितना परोक्ष रूप से भाजपा को मिलता दिख रहा है। कांग्रेस के प्रवक्ता सुरेन्द्र राजपूत का कहना है कि कांग्रेस देश की सबसे पुरानी पार्टी है। जनता के बजाय अपने लाभ के लिए कभी हम सिद्धांतों से समझौता नहीं कर सकते।
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