करीब साढ़े चार माह तक हुई इस मजिस्ट्रेटी जांच में धटना से जुड़े हर छोटे बड़े पहलू को बारीकी से परखने के बाद विवेक तिवारी की हत्या के लिए एसआईटी जांच की तरह ही सीधे तौर पर बर्खास्त सिपाही प्रशांत को आत्मरक्षा में गोली न चला कर हत्या करने का दोषी पाया गया। इस दौरान मौजूद साथी सिपाही संदीप कुमार द्वारा भी साथी महिला मित्र से मारपीट की गयी और उसकी तरफ से घटना को रोकने जैसी की कोशिश जांच में सामने नहीं आयी। जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने देर शाम जांच अधिकारी व एसीएम चतुर्थ सलिल पटेल द्वारा विवेक हत्याकांड की जांच रिपोर्ट सौंपे जाने की बात स्वीकार करते हुए बताया कि इसे कार्रवाई की संस्तुति के साथ ही एसएसपी को सौप दिया गया है।