मध्य उप्र के एक नेता के तीन स्थानों पर चल रहे हैं पाठ
मध्य उप्र के एक नेता के तीन स्थानों पर पाठ चल रहे हैं। वह बगलामुखी पाठ तो हर साल कराते रहे हैं लेकिन चुनावी जीत के लिए नवरात्र से उन्होंने प्रत्यंगिरा महाकाली और लांगूल शत्रुंजय पाठ भी शुरू करा दिए हैं। इनमें से दो अनुष्ठानों के संकल्प तो उन्होंने शक्तिपीठ में जाकर दिए, एक का संकल्प वीडियो कॉल पर कराया गया। पूर्वांचल के एक रसूखदार नेता के आचार्यों की टीम नवरात्र से पहले ओरछा पहुंच गई थी। उनके लिए आदित्य विजयकर पाठ शुरू हुआ। उनका टिकट घोषित हो गया। आचार्यों ने उन्हें गायत्री ब्रहमास्त्रत्त् विजयकर और बाला त्रिपुर सुंदरी विजय साधना के अनुष्ठान भी बता दिए। दोनों के संकल्प हो गए। पाठ जारी हैं।
कई दलों के नेता करा रहे अनुष्ठान
एचटी मीडिया के एक खबर के अनुसार, पाठ करने वाले आचार्यों की बड़ी टीम संचालित करने वाले आचार्य आदित्य दीक्षित बताते हैं, यह कोई नहीं बात नहीं है। हर चुनाव में यूपी-एमपी ही नहीं बिहार और राजस्थान तक के नेता बड़े शक्तिपीठों पर अनुष्ठान कराते हैं। इनमें कई दलों के नेता होते हैं। शहर के एक आचार्य के मुताबिक उन्होंने दो नेताओं के लिए पाठ शुरू कराए। उनमें से एक को टिकट नहीं मिला। दूसरे मैदान में हैं। ग्रहदशाओं से तय होते हैं अनुष्ठान आचार्यों के मुताबिक वैदिक या तांत्रिक अनुष्ठान संबंधित व्यक्ति की जन्मकुंडली में ग्रह स्थिति, गोचर स्थिति देख कर तय किए जाते हैं। मसलन किसी का सूर्य कमजोर है तो आदित्यहृदय के सवा लाख पाठ, आदित्य विजयकर के 21 हजार पाठ जैसे अनुष्ठान होते हैं। गुरु कमजोर होने पर नारायण विजय, सुदर्शनास्त्रत्त् स्त्रत्तेत पाठ-पूजन कराया जाता है। शक्तिपीठों पर चल रहे ये अनुष्ठान
बगलामुखी पाठ, प्रत्यंगिरा महाकाली पाठ, शतचंडी पाठ, अर्गला स्त्रत्तेत पाठ, मणिकर्णिका विजय साधना पाठ, लांगूल शत्रुंजय पाठ, रुद्र शत्रुंजय पाठ, आदित्य विजयकर पाठ, त्रिभुवन विजयकर पाठ, पंचमुखी त्रिभुवन विजयकर पाठ, त्रिलोचन विजयकर पाठ, कार्तवीर्यार्जुन पाठ, नारायण विजय पाठ, सुदर्शनास्त्रत्त् स्त्रत्तेत पूजन, नरसिंहई अष्टाक्षर पाठ, गरुण विजय साधना पाठ, गायत्री ब्रहमास्त्रत्त् विजयकर पाठ, त्रैलोक्य मोहन यंत्र पाठ, गोपाल गारुणी यंत्र पाठ, बाला त्रिपुर सुंदरी विजय साधना, षोडशी त्रिपुर सुंदरी साधना पाठ, रामरक्षा स्त्रत्तेत पाठ, द्वादशाक्षरी राम विजयकर यंत्र, मानस किष्किंधा कांड पाठ (विशेष संपुटयुक्त), मानस लंकाकांड पाठ (विशेष संपुटयुक्त)।