पहले चरण में कम वोटिंग होने से राजनीतिक दलों की चिंता बढ़ गई है। भाजपा ने अपने प्रचार अभियान को अधिक तेज कर दिया है। आने वाले चरणों में पार्टी की कोशिश ज्यादा मतदान कराने की होगी ताकि वह बड़े लक्ष्य को हासिल कर सके। इसके साथ ही विपक्षी दलों ने अपनी चुनावी रणनीति को बदल दिया है।
कम वोटिंग होने के बावजूद नेताओं के दांवे बड़े
पूरे देश की नजर उत्तर प्रदेश पर हैं। यहां से 80 सांसद चुनकर संसद पहुंचते हैं। पहले चरण में कम वोटिंग होने की वजह से नतीजों को लेकर सियासी दलों की धुकधुकी भी बढ़ गई है। वहीं बीजेपी नेताओं का दावा है कि उत्तर प्रदेश योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में नए रिकॉर्ड बनाएगा। इसके अलावा मोदी सरकार की वापसी की उम्मीदों का दावा भी किया गया है।
एनडीए और इंडिया प्रत्याशी के बीच मुकाबला
पहले चरण की अधिकतर सीटों पर एनडीए और इंडिया के प्रत्याशी मुख्य लड़ाई में रहे। एक-दूसरे के आधार वोट में सेंधमारी से मुकाबला रोचक हो गया। बसपा कई सीटों पर जीत- हार के समीकरणों पर असर डालती दिखी। अधिकतर सीटों पर मुस्लिम मतदाता विपक्षी गठबंधन के पक्ष में एकजुट दिखे। भाजपा ने दलित मतदाताओं में अच्छी सेंधमारी की। वहीं नगीना में आजाद समाज पार्टी के चंद्रशेखर ने सपा- बसपा के आधार वोटबैंक में सेंधमारी की।