सवाल– आपने शुरूआत से महत्वपूर्ण रोल अदा किया है। कभी मंत्री के रूप में तो कभी पार्टी अध्यक्ष के रूप में?
उत्तर– मैं पार्टी का कार्यकर्ता हूं। संगठन जो कहेगा हम करेंगे। हमारा दायित्व संगठन के निर्देशों का पालन करना है। हम पूरी निष्ठा से मिली हुई जिम्मेदारियों को निर्वाहन करते हैं। और हां, आगे भी करते रहेंगे।
उत्तर– मैं पार्टी का कार्यकर्ता हूं। संगठन जो कहेगा हम करेंगे। हमारा दायित्व संगठन के निर्देशों का पालन करना है। हम पूरी निष्ठा से मिली हुई जिम्मेदारियों को निर्वाहन करते हैं। और हां, आगे भी करते रहेंगे।
सवाल– जब भाजपा की सरकार आई तो भाजपा ने जो वादे किए थे वे पूरे किए?
उत्तर– भाजपा ने चुनाव से पहले जो वादे किए थे, वे सब पूरे किए जा रहे हैं। लाखों लोगों को रोजगार दिलाने की कवायद चल रही है। सरकारी नौकरियों में पूरी ईमानदारी और पारिदर्शिता से भर्तियां शुरू कर दी गई हैं। योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में बेईमान अफसर डरे हुए हैं। वे यूपी से जाना चाहते हैं। या फिर ईमानदारी से काम करने के लिए बाध्य हो रहे हैं।
उत्तर– भाजपा ने चुनाव से पहले जो वादे किए थे, वे सब पूरे किए जा रहे हैं। लाखों लोगों को रोजगार दिलाने की कवायद चल रही है। सरकारी नौकरियों में पूरी ईमानदारी और पारिदर्शिता से भर्तियां शुरू कर दी गई हैं। योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में बेईमान अफसर डरे हुए हैं। वे यूपी से जाना चाहते हैं। या फिर ईमानदारी से काम करने के लिए बाध्य हो रहे हैं।
सवाल– आपने चुनाव कानून व्यवस्था पर लड़ा था?
उत्तर– जी कानून व्यवस्था सुधारना हमारा सर्वोच्च ध्येय रहा है। यही कारण है कि सरकार के एनकाउंटरों से भयभीत अपराधी या तो जेल में रहना पसंद कर रहे हैं अथवा यूपी छोड़कर भाग गए हैं। कानून व्यवस्था में अभूतपूर्व सुधार हुआ है।
उत्तर– जी कानून व्यवस्था सुधारना हमारा सर्वोच्च ध्येय रहा है। यही कारण है कि सरकार के एनकाउंटरों से भयभीत अपराधी या तो जेल में रहना पसंद कर रहे हैं अथवा यूपी छोड़कर भाग गए हैं। कानून व्यवस्था में अभूतपूर्व सुधार हुआ है।
सवाल– आपने पिछली सरकार में खाद न मिलने का मामला उठाया था?
उत्तर– जी हां, यह किसानों से जुड़ा मामला था। किसानों को खाद नहीं मिल पा रही थी। किसान भटक रहे थे। खाद की कालाबाजारी हो रही थी। आज यूपी में खाद बेशुमार उपलब्ध है। जितनी चाहे किसान खरीदे। कोई कंट्रोल नहीं लगाया है हमने।
उत्तर– जी हां, यह किसानों से जुड़ा मामला था। किसानों को खाद नहीं मिल पा रही थी। किसान भटक रहे थे। खाद की कालाबाजारी हो रही थी। आज यूपी में खाद बेशुमार उपलब्ध है। जितनी चाहे किसान खरीदे। कोई कंट्रोल नहीं लगाया है हमने।
सवाल– खाद इतनी ज्यादा महंगी है कि किसान उसे खरीद नहीं सकता। क्या कोई योजना है इसके लिए?
उत्तर– किसानों की समस्या और दर्द को हम समझते हैं। इसीलिए हमने यूरिया के दाम में 35 रुपए तक की कटौती कर दी है।
उत्तर– किसानों की समस्या और दर्द को हम समझते हैं। इसीलिए हमने यूरिया के दाम में 35 रुपए तक की कटौती कर दी है।
सवाल-आपकी सरकार में किसानों को क्या लाभ मिला?
उत्तर– हमने किसान कुंभ का आयोजन किया। दुनिया भर के विशेषज्ञों को बुलाया। किसानों ने बढ़चढ़कर हिस्सा लिया। उन्हें तकनीकी जानकारियां मिलीं और बेहतर खेती के तरीके सीखे।
उत्तर– हमने किसान कुंभ का आयोजन किया। दुनिया भर के विशेषज्ञों को बुलाया। किसानों ने बढ़चढ़कर हिस्सा लिया। उन्हें तकनीकी जानकारियां मिलीं और बेहतर खेती के तरीके सीखे।
सवाल– फिर क्यों किसान परेशान है। गन्ना किसान से लेकर आलू किसान तक चिल्ला रहा है। आखिर क्यों?
उत्तर– किसान वास्तविक अन्नदाता होता है। अन्नदाता भगवान का स्वरूप होता है। हम उसका सम्मान करते हैं। उसके दर्द को समझते हैं। हम भी मूलत: किसान ही हैं। हमने उनके कर्ज माफ किए। खेती के संयंत्रों के मूल्य में छूट दी। हम जीते जी किसान को परेशान नहीं होने देंगे।
उत्तर– किसान वास्तविक अन्नदाता होता है। अन्नदाता भगवान का स्वरूप होता है। हम उसका सम्मान करते हैं। उसके दर्द को समझते हैं। हम भी मूलत: किसान ही हैं। हमने उनके कर्ज माफ किए। खेती के संयंत्रों के मूल्य में छूट दी। हम जीते जी किसान को परेशान नहीं होने देंगे।