पहली जुलाई से 30 सितंबर तक बढ़े डीए की धनराशि कर्मचारियों के भविष्य निधि खाते (जीपीएफ) में जमा होगी। वहीं पहली अक्टूबर से दिये जाने वाले बढ़े डीए का भुगतान 25 अक्टूबर को अक्टूबर के वेतन के साथ किया जाएगा। कर्मचारियों को बढ़ी दर से डीए के भुगतान पर सालाना 2961 करोड़ रुपये और चालू वित्तीय वर्ष के आठ महीनों में 1974 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। वित्तीय वर्ष 2019-20 में जुलाई से सितंबर तक जीपीएफ खाते में जाने वाली एरियर की राशि 740 करोड़ रुपये होगी 1233.77 करोड़ रुपये का नकद भुगतान किया जाएगा। शासनादेश के मुताबिक पहली जुलाई से 30 सितंबर तक बढ़े डीए के एरियर की धनराशि 30 सितंबर 2020 तक कर्मचारी के जीपीएफ खाते में जमा रहेगी और उसे जीपीएफ खाते से अंतिम निकासी के मामलों को छोड़कर इस तारीख से पहले नहीं निकाला जा सकेगा।
ऐसे अधिकारी या कर्मचारी जिनका जीपीएफ खाता नहीं खुला है, उन्हें दी जाने वाली एरियर की धनराशि उनके पीपीएफ खाते में जमा की जाएगी या नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट के रूप में दी जाएगी, लेकिन धनराशि के जिस अंश का सर्टिफिकेट उपलब्ध न हो, वह उसे नकद दी जाएगी। जिन अधिकारियों या कर्मचारियों की सेवाएं इस शासनादेश के जारी होने की तारीख से पहले खत्म हो गई हों या जो पहली जुलाई 2019 से लेकर शासनादेश जारी होने की तारीख तक सेवानिवृत्त हुए हों या छह महीने के अंदर रिटायर होने वाले हों, उनको डीए के बकाये की पूरी धनराशि का नकद भुगतान किया जाएगा।