हरिशंकर पांडेय ने याचिका में राजस्व संहिता की धारा 6(2) का हवाला देते हुए कहा है कि इलाहाबाद का नाम बदलकर प्रयागराज करने के फैसले के दौरान राज्य सरकार द्वारा जरूरी प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया। सरकार ने बिना आपत्तियां आमंत्रित किए ही जनपद का नाम बदल दिया गया। याचिकाकर्ता का आरोप है कि राज्यपाल राम नाईक, इलाहाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायमूर्ति और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कुछ संतों के साथ बैठक कर यह निर्णय ले लिया गया।
सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता वीके शाही ने याचिका का विरोध करते हुए दलील दी। कहा कि राजस्व संहिता की धारा 6(2) में किसी राजस्व क्षेत्र के सीमाओं के परिवर्तन पर आपत्तियां आमंत्रित करने को निर्देशित किया गया है न कि नाम परिवर्तन के मामले पर। न्यायालय ने दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद प्रतिवादियों को जवाबी हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया।