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अब खराब लिखावट पर डॉक्टरों को देना होगा जुर्माना, हाईकोर्ट ने सुनाया फैसला

locationलखनऊPublished: Oct 02, 2018 09:29:12 am

हाई कोर्ट की तरफ से डॉक्टरो को बड़ा झटका लगा है।

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अब खराब लिखावट पर डॉक्टरों को देना होगा 5 हजार जुर्माना, हाईकोर्ट ने सुनाया फैसला

लखनऊ. हाई कोर्ट की तरफ से डॉक्टरो को बड़ा झटका लगा है। अब डॉक्टरों द्वारा मेडिकल रिपोर्ट तैयार करते वक्त लिखावट गन्दी रही तो उन पर पांच हज़ार रूपए तक का जुर्माना लगेगा। कोर्ट ने कहा, बार-बार आदेश दिया जा रहा है कि डॉक्टर सरल शब्दाें और स्पष्ट राइटिंग में रिपोर्ट लिखें, लेकिन आए दिन ऐसे वाकये सामने आ रहे हैं जिनमें डॉक्टरों की राइटिंग को समझ पाना न्यायाधीशों और वकीलों के लिए टेढ़ी खीर होता है। यह आदेश जस्टिस अजय लांबा और जस्टिस संजय हरकौली की बेंच ने पप्पू सिंह आदि की ओर से दायर याचिका को खारिज करते हुए दिया।

हाईकोर्ट ने टेढ़ी-मेढ़ी और अस्पष्ट लिखावट न पढ़ पाने पर डॉक्टर को तलब किया था और उनसे पूछा गया कि उनके द्वारा तैयार की गई मेडिकल रिपोर्ट क्या कोई पढ़ सकता है। इसके साथ ही हाई कोर्ट ने यह भी कहा है कि डॉक्टरों से जो जुर्माना लिया जाएगा, वह जुर्माना डॉक्टरों के वेतन से वसूल लिया जाएगा। कोर्ट ने अपर शासकीय अधिवक्ता को उक्त डॉक्टर की उपस्थिति सुनिश्चित करने को कहा है और कहा है कि डॉक्टरों की अस्पष्ट लिखावट से मुकदमों के त्वरित निस्तारण में बाधा आती है। कोर्ट ने रिपोर्ट तैयार करने वाले सीतापुर जिला चिकित्सालय के उक्त डॉक्टर को तलब किया है। याचिका में सूचनाकर्ता की जिस इंजरी रिपोर्ट का हवाला दिया गया है, उस पर न तो डॉक्टर का नाम और पदनाम दर्ज है, न ही अस्पताल की मुहर लगी है। कोर्ट ने अगली तारीख पर टाइप की गई कॉपी के साथ पेश न होने पर 10 हजार रुपये हर्जाने का आदेश दिया है।

क्या है पूरा मामला
दरअसल, याचियों ने सीतापुर के तंबौर थाने में हत्या के प्रयास और एसएससी एेक्ट के तहत उनके खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को चुनौती दी थी। 25 सितंबर को याचिका पर सुनवाई करते वक्त कोर्ट को याचियों की ओर से पेश की गई इंजरी रिपोर्ट पढ़ने में नहीं आ रही थी। कोर्ट ने इसे आपराधिक न्याय प्रशासन में बाधा मानते हुए रिपोर्ट तैयार करने वाले सीतापुर जिला अस्पताल के डॉक्टर पीयूष गोयल को तलब किया। कोर्ट ने उन पर पांच हजार रुपये का हर्जाना भी लगाया, जिसकी वसूली उनके वेतन से की जाएगी।

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