राजधानी लखनऊ सहित लखीमपुर-खीरी, बाराबंकी, गोंडा, रायबरेली, अमेठी, इटावा, उन्नाव, कानपुर, सीतापुर, जालौन आदि शहरों में मंगलवार देर रात और बुधवार को रुक-रुक कर बारिश होती रही तो कई जगहों पर ओले भी गिरे। ओला गिरने के कारण जहां ठंडी लौट आई तो वहीं खराब मौसम की वजह से लोगों को दिक्कतों का भी सामना करना पड़ा। पहाड़ी क्षेत्रों में हुई बर्फबारी के कारण उत्तर भारत के तापमान में गिरावट दर्ज की गई है। मौसम विभाग के अनुसार इस पूरे सप्ताह बारिश हो सकती है। उधर, हिमाचल प्रदेश में बर्फबारी के कारण तापमान में गिरावट आई है। यह बारिश 26 जनवरी तक हो सकती है।
मौसम विभाग के निदेशक जेपी गुप्ता का कहना है कि मौसम में आये बदलाव का कारण पहाड़ी इलाकों में सक्रिय हुआ पश्चिमी विक्षोभ है। बारिश आने वाले तीन चार दिनों तक होने की संभावना है। जालौन में तेज बारिश ने लोगों को घर में दुबकने को विवश कर दिया।
दिन में ही छा गया अंधेरा
बुधवार को लोग जब सुबह उठे तो उनका सामना बारिश से हुआ। बारिश से ठंड जहां बढ़ गई थी तो वहीं बच्चों को स्कूल जाने में भी काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा, बारिश से भिंगते हुए बच्चे स्कूल पहुंचे। दिन में ही अंधेरा छा गया था। मौसम ने जिस तरह से मिजाज बदला है, उससे सर्दी आने वाले दिनों में और सताएगी। वहीं ओले गिरने से हवाएं सर्द हो गई हैं। डाक्टरों का कहना है कि यह बारिश स्वास्थ्य के लिए सही नहीं है। भिगने पर तबीयत बिगड़ सकती है। ऐसे मौसम में घर से बाहर ना निकलें। नहीं तो इसका आपके स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ सकता है। बारिश से किसानों के चेहरे पर खुशी की लहर है। बारिश फसलों के लिए कारगर है। इससे फसलों की उपज अच्छी होगी।
दिन में ही छा गया अंधेरा
बुधवार को लोग जब सुबह उठे तो उनका सामना बारिश से हुआ। बारिश से ठंड जहां बढ़ गई थी तो वहीं बच्चों को स्कूल जाने में भी काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा, बारिश से भिंगते हुए बच्चे स्कूल पहुंचे। दिन में ही अंधेरा छा गया था। मौसम ने जिस तरह से मिजाज बदला है, उससे सर्दी आने वाले दिनों में और सताएगी। वहीं ओले गिरने से हवाएं सर्द हो गई हैं। डाक्टरों का कहना है कि यह बारिश स्वास्थ्य के लिए सही नहीं है। भिगने पर तबीयत बिगड़ सकती है। ऐसे मौसम में घर से बाहर ना निकलें। नहीं तो इसका आपके स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ सकता है। बारिश से किसानों के चेहरे पर खुशी की लहर है। बारिश फसलों के लिए कारगर है। इससे फसलों की उपज अच्छी होगी।