उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक की पुस्तक ‘चरैवेति!चरैवेति!!’ दस भाषाओं में उपलब्ध है। ब्रेल लिपि में प्रकाशन होने से नये पाठक जुड़ेंगे। पुस्तक ‘चरैवेति!चरैवेति!!’ मूलतः मराठी भाषा में संकलित लेखों का संग्रह है जो मुंबई के 80 वर्ष पुराने प्रतिष्ठित मराठी दैनिक ‘सकाल’ में प्रकाशित हुये थे। मित्रों एवं शुभचिंतकों के आग्रह पर प्रकाशित लेखों को मराठी पुस्तक ‘चरैवेति!चरैवेति!!’ के रूप में प्रकाशित किया गया जिसका विमोचन महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस द्वारा 25 अपै्रल, 2016 को मुंबई में किया गया था।
पुस्तक ‘चरैवेति! चरैवेति!!’ के हिन्दी, अंग्रेजी, उर्दू तथा गुजराती संस्करणों का लोकार्पण 9 नवम्बर 2016 को राष्ट्रपति भवन नई दिल्ली में, 11 नवम्बर 2016 को लखनऊ के राजभवन में तथा 13 नवम्बर 2016 को मुंबई में हुआ। 26 मार्च 2018 को संस्कृत नगरी काशी में राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद द्वारा ‘चरैवेति! चरैवेति!!’ के संस्कृत संस्करण का लोकार्पण किया गया। पुस्तक ‘चरैवेति!चरैवेति!!’ के सिंधी संस्करण का प्रकाशन सिंधी काउंसिल आॅफ इण्डिया द्वारा लखनऊ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा 21 फरवरी 2019 को एवं मुंबई राजभवन में महाराष्ट्र के राज्यपाल सी0 विद्यासागर राव द्वारा 3 मार्च 2019 को किया गया।
तथा 22 फरवरी 2019 को अरबी एवं फारसी संस्करण का लोकार्पण नई दिल्ली में मणिपुर की राज्यपाल डाॅ0 नज्मा हेपतुल्ला, केन्द्रीय अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी व केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावडेकर द्वारा हुआ। इस प्रकार राम नाईक की मूल मराठी पुस्तक ‘चरैवेति!चरैवेति!!’ हिन्दी, अंग्रेजी, उर्दू, गुजराती, संस्कृत, अरबी, फारसी एवं सिंधी में प्रकाशित हो चुकी हैं तथा शीघ्र ही जर्मन भाषा संस्करण का पुणे विश्वविद्यालय (जहाँ के राम नाईक विद्यार्थी रहे हैं) में लोकार्पण होगा। पुस्तक ‘चरैवेति! चरैवेति!!’ असमिया भाषा में जल्द प्रकाशित हो रही है तथा कश्मीरी एवं बांग्ला भाषा में प्रकाशन के प्रस्ताव भी राज्यपाल राम नाईक को प्राप्त हुये हैं।