राज्यपाल ने डाॅ0 पी0वी0 जगमोहन का अभिनन्दन करते हुये कहा कि तमिल भाषी होते हुये भी हिन्दी में रचना करना उनकी विशेषता है। डाॅ0 जगमोहन का व्यक्तित्व बहुआयामी है। उन्होंने तमिल, हिन्दी और अंग्रेजी भाषा में रचनाएं की है तथा उन्हें अनेकों सम्मान भी प्राप्त हैं। राज्यपाल ने कहा कि आई0ए0एस0 अफसरों के पास बहुत काम होता है, व्यस्तता के बीच समय निकालना बड़ी बात है। उन्होंने माहौल को हल्का करते हुये कहा कि उनके पास सरकारी अधिकारियों एवं कर्मचारियों की शिकायतें आती है कि वे काम नहीं करते, पर डाॅ0 पी0वी0 जगमोहन अपना दायित्व पूरी जिम्मेदारी से निभाते हैं इसलिये उनकी अभी तक कोई शिकायत नहीं प्राप्त हुई है।
राम नाईक ने कहा कि डाॅ0 पी0वी0 जगमोहन की रचनाएं सरल और सादे शब्दों में हैं जो सहजता से हृदय तक पहुंचने वाली कवितायें हैं। डाॅ0 जगमोहन ने बड़े ही सुंदर ढंग से अपनी बात को पाठकों के सामने लाने का काम किया है। पुस्तक का शीर्षक ‘तीन तलाक’ अर्थपूर्ण है जिसे देखते ही पुस्तक को लोग पढ़ना चाहेंगे। लोग कहते हैं कि ‘जहाँ न पहुंचे रवि, वहाँ पहुंचे कवि।’ साहित्य रचना के माध्यम से ज्ञान लोगों तक पहुंचता है।
पाठक पुस्तक को खरीदकर पढ़ते हैं तो उसका ज्यादा ख्याल रखते हैं तथा खरीदने से लेखक और प्रकाशक दोनों का लाभ होता है। उन्होंने कहा कि कविता संग्रह का अन्य भाषाओं में भी अनुवाद होना चाहिए।डाॅ0 पी0वी0 जगमोहन, अपर मुख्य सचिव ने कहा कि हिन्दी एकमात्र भाषा है जो देश को एकता के सूत्र में बांध सकती है। एक साल आठ माह पूर्व जब पूरे देश में ‘तीन तलाक’ का मुद्दा एक ज्वलंत मुद्दा था तो इस मुद्दे को लेकर उन्होंने अपने विचार व्यक्त किये। उन्होंने कहा कि ऐसे अनेक मुद्दों पर जो समाज पर असर डालते हैं उनको उन्होंने कविता के रूप में अपने संग्रह में प्रस्तुत किया है।
मिराज हैदर ने कविता संग्रह पर अपने विचार व्यक्त करते हुये कहा कि डाॅ0 जगमोहन ने अपनी अब तक प्रकाशित 15 पुस्तकों में लगभग 500 कवितायें लिखी हैं। उन्होंने अपनी सेवा के साथ इंसाफ करते हुये साहित्य के माध्यम से समाज की भी सेवा की है।कार्यक्रम में फरहत नकवी अध्यक्षा ‘मेरा हक फाउंडेशन’ ने भी अपनी बात रखी।